सादर अभिवादन
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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रविवार, 7 सितंबर 2025
4504 ..दिन ढलते-ढलते ग्रहण दिखाई पड़ने लगेगा
10 टिप्पणियां:
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सुंदर अंक
जवाब देंहटाएंआभार
वंदन
बहुत सुंदर अंक 🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर🙏🏼
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम आपका दिल से धन्यवाद करता हूं कि आज की इस तथाकथित सोशल दुनियां के साए में भी आप लग्न से अपना काम कर रही हैं 🙏यही नि: स्वार्थ सेवा है।
जवाब देंहटाएंआज ख्यालों की उडान हिंदी ब्लॉग जगत के स्वर्णिम युग मे जा पहुंची है और अचानक 'कलम' का हर वक्त जीवन्त एक सिपाही याद आ गया। नाम था 'चंद्रमौलेश्वर प्रसाद'। अफसोस कि अब वह आत्मा परमात्मा में विलीन हो चुकी 🙏
मैं एक मामूली व्यक्ति हूँ जिसे अपनी औकात का पता है। मैं अपनी क्षमता को अच्छी तरह से परक चुका हूँ और एक कार्यकर्ता की तरह कुछ संस्थाओं से जुड़ा हूँ। जब मुझे किसी पद को स्वीकार करने के लिए कहा जाता है तो मैं नकार देता हूँ। फिर भी जब किसी संस्था में कोई पद या किसी मंच पर आसन ग्रहण करने के लिए कहा जाता है तो संकोच से भर जाता हूँ। कुछ ऐसे अवसर आते हैं जब मुझे स्वीकार करना पड़ता है तो मुझे लगता है कि मैं उस तीसरी श्रेणी का बड़ा हूँ जिस पर बडप्पन लाद दिया जाता है। इसे मैं अपने प्रियजनों का प्रेम ही समझता हूँ, वर्ना मैं क्या और मेरी औकात क्या। क्या पिद्दी, क्या पिद्दी का शोरबा! मुझे पता है कि बड़ा केवल पद से नहीं हो जाता बल्कि अपने कौशल से होता है। ऐसे में मुझे डॉ. शैलेंद्रनाथ श्रीवास्तव की यह कविता [बहुत दिनों के बाद] बार बार याद आती है--
जवाब देंहटाएंबड़ा को क्यों बड़ा कहते हैं, ठीक से समझा करो
चाहते खुद बड़ा बनना, उड़द-सा भीगा करो
और फिर सिल पर पिसो, खा चोट लोढे की
कड़ी देह उसकी तेल में है, खौलती चूल्हे चढ़ी।
ताप इसका जज़्ब कर, फिर बिन जले, पकना पड़ेगा
और तब ठंडे दही में देर तक गलना पड़ेगा
जो न इतना सह सको तो बड़े का मत नाम लो
है अगर पाना बड़प्पन, उचित उसका दाम दो!
चंद्रमौलेश्वर प्रसाद पर 10:00:00 pm
आभार आप आए,
हटाएंआते रहा कीजिए और
हमाामाल बढ़ाते रहा कीजिए
वंदन
पढ़ कर बहुत अच्छा लगा ।
हटाएंबङे का रुपक बेहतरीन और नवीन !! धन्यवाद ।
सखी, भाव तरंग आप्लावित रचनाओं से सजा अंक । अभिनंदन!
जवाब देंहटाएंआदरणीय , मेरी लिखी रचना रहे जीवन में शुभ लाभ प्रवेश, को इस गरिमामय मंच में सम्मिलित करने हेतु बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंइस अंक में सम्मिलित सभी रचनाएं बहुत ही उम्दा है । सभी को बधाइयां । सादर ।