हाज़िर हूँ...! उपस्थिति दर्ज हो...यह सत्य है कि उम्र के इस पड़ाव पर वरिष्ठ नागरिकों की अपनी अनेक शारीरिक व्याधियाँ सिर उठा लेती है, परन्तु यह उनकी वास्तविक समस्या नहीं है । उनकी वास्तविक समस्या मानसिक हो जाती है। बड़ी उम्र में दवाई से ज्यादा अपनों के प्यार की जरूरत होती है ...
वृद्धजन
वरिष्ठ नागरिक
कई गुलशन थे खिली फ़िज़ाँओं में
ख़िज़ाँओं में कौन बच रहा साहब |
नाज़ था जिसे बुलन्द इमारत का
आज खण्डहर सा ढह रहा साहब |
शायरी
बडी बडी बातें करने वाले तो
बातों में ही रह जाते हैं...!!
और वहीं हल्का सा मुस्कुराने वाले
बहुत कुछ कह जाते हैं....!!!
गोलागञ्ज (लखनऊ) की एक बड़ी तथा सुन्दर अट्टालिका के एक सुसज्जित कमरे में एक युवक चिंता-सागर में निमग्न बैठा है! कभी वह ठण्डी साँसें भरता है, कभी रूमाल से आँखें पोंछता है, कभी आप-ही-आप कहता है—हा! सारा परिश्रम व्यर्थ गया। सारी चेष्टाएँ निष्फल हुईं। क्या करूं। कहाँ जाऊं उन्हें कहाँ ढूंढू।
इन वर्णन और प्रस्ताव के रूप में लिखे निबंधों को छात्र-छात्राओं को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें सभी विषय अच्छी तरह से समझ आ सके । हर विषय को आई. सी. एस. ई के पेपरों से लिया गया है ।
एक बार राखी पर छोटा सा "टेडी बियर" लाया था. वो बाज़ू पर लगाने वाला. उपहार इतना प्यारा था, कि काफी देर तक हमारा झगड़ा नहीं हुआ. अब फोन पर, या स्काइप पर ही कसर पूरी कर पाते है. कहां रोज़ की तूतू-मैंमैं और कहां साल में एक बार मिलना.
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पुन: भेंट होगी...
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शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसदाबहार प्रस्तुति
आभार..
सादर नमन
सुंदर,सामयिक संकलन,रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।
जवाब देंहटाएंपरिवार के लिए घर की छत की तरह होते हैं बुजुर्ग।
जवाब देंहटाएंभावनात्मक रिश्तों को महसूस करने का त्योहार होता है रक्षा-बंधन।
विषयानुरूप विविधतापूर्ण रचनाओं से सुसज्जित आज का बेहतरीन संकलन अच्छा लगा दी।
प्रणाम
सादर।
सुंदर संकलन ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंBahut Hi Sundar
जवाब देंहटाएंhttps://www.achhiadvice.com/2021/07/29/ips-officer-kaise-bane/
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