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शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

1106....दिमाग बन्द करते हैं अपने चल, पढ़ाने वाले से पढ़ कर के आते हैं

"अपने सपनों को सच होने से पहले आपको सपना देखना होगा।"

"अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते है तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो।"

"जीवन में कठिनाइयाँ हमे बर्बाद करने नहीं आती है, बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में हमारी मदद करती है| कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो।"

"आकाश की तरफ देखिये। हम अकेले नहीं हैं। सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है।"

उपर्युक्त प्रेरक और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण विचार डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के हैं। 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे हमारे देश के 11वें राष्ट्रपति, वैज्ञानिक, मिसाइल मैन,युवाओं की प्रेरणा भारत रत्न डॉ.कलाम ने देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
27 जुलाई 2015 को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट शिलांग में एक व्याख्यान देने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
सादर सुमन अर्पित भारत के सच्चे सपूत को।
सादर नमस्कार

चलिए अब आज की रचनाओं की ओर-
आदरणीय विश्वमोहन जी की अद्भुत लेखनी से निसृत
सिंचित सैकत कर उर उर्वर,
प्रस्थित प्रीता, अपरा प्रियवर.
विरह विषण्ण विकल वेला 'मैं'!
महोच्छ्वास, निःशब्द, नि:स्वर!
●★◆

आदरणीय संजय जी की कलम से प्रवाहित

मेरी छाया से ही मुझे हौसला मिलता है !
क्योंकि नाते रिश्तेदार तो 
समय के साथ ही चलते है 
पर धूप हो या छाँव 
छाया हमेशा साथ रहती
●★●

आदरणीया कुसुम जी की लेखनी से
चांद अपनी सुषमा के साथ
        मेरी ही खिडकी पर बैठा
      थाप दे रहा था धीमी मद्धरिम
  विस्मित सी जाने किस सम्मोहन मे
      बंधी मैं छत तक आ गई
     इतनी उजली कोरी वसना
●★●
आदरणीय पुरुषोत्तम जी की लेखनी से 
भ्रम ने जाल बुने थे कुछ सुंदर,
आँखों में आ बसे ये आकर,
टूटा भ्रम, जब सत्य का भान हुआ
●★●

आदरणीया अभिलाषा "रोली" जी की रचना
ये किस्से भी न

झूठ के पांव से चलते हैं किस्से
बहुत लंबी होती है इनकी उमर
हर मुसाफिरखाने पर रुकते हैं
करते ही हैं थोड़ी सी सरगोशी हवाओं में
फिर बांधकर पोटली निकल पड़ते हैं;
●★●
और चलते-चलते उलूक के पन्ने से 
आदरणीय सुशील सर की अभिव्यक्ति-

इस 
सब से 
ध्यान हटाते हैं 

शेरो शायरी 
कविता कहानी 
लिखना लिखाना 
सीखने सिखाने 
की किसी दुकान 
तक हो कर 
के आते हैं 

कई साल 
हो गये 
बकवास 
करते करते 
एक ही 
तरीके की 


★◆★

आज का यह अंक आपको.
कैसा लगा कृपया अवश्य बताये।
इस सप्ताह के विषय के लिए
यहाँ देखिए

कल मिलिए आदरणीया विभा दी से उनकी विशेष प्रस्तुति के साथ

श्वेता सिन्हा

16 टिप्‍पणियां:

  1. कलाम को सलाम
    मंगल प्रभात..
    बढ़िया प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शानदार प्रस्तुति
    गुरु महान , गुरु -गाथा महान ।

    गुरु के चरणों में , नमन करो इंसान
    सभी को गुरु-पूर्णिमा की हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर हलचल। आभार श्वेता जी दिमाग बन्द 'उलूक' के प्रवचन को आज की हलचल के शीर्षक पर स्थान देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. आज की इस बेहतरीन प्रस्तुति में मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. डाक्टर अब्दुल कलाम साहब को सादर श्रृद्धानजली!
    समय की हर आहट को संजोकर चलती आपकी प्रस्तुति सदा कुछ खास होती है श्वेता, बहुत शानदार प्रस्तुति।
    सुंदर संकलन मेरी रचना को जगह देने के लिये सस्नेह आभार, सभी सह रचनाकारों को बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी प्रस्तुति । चयनित रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह!!श्वेता ,बेहतरीन प्रस्तुति ।मूरा भी सलाम ,कलाम जी को 🙏 सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह बेहतरीन प्रस्तुति श्वेता जी
    सभी रचनाकारों को बधाई ... मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार...!!

    जवाब देंहटाएं
  9. बढिया प्रस्तुति.. सभी रचनाकारों को बधाई
    सभी को गुरु-पूर्णिमा की हार्दिक बधाई
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  10. सुन्दर अति सुन्दर संकलन के साथ बेहतरीन भूमिका ...अब्दुल कलाम जी को सलाम ..ऐसे लोग अमर होती है ...नमन 🙏

    जवाब देंहटाएं
  11. गुरु पूर्णिमा की शुभकामनायें. प्रस्तावाना में देश के महान सपूत भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उनके अनमोल विचारों की झलक शिक्षाप्रद एवं प्रेरक है.
    इस अंक की रचनायें प्रभावशाली हैं. सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
    गुरु पर्व की शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  13. गुरु पूर्णिमा पर गुरु कलाम की स्मृति भूमिका का आभार!!!
    सदैव की भांति श्वेताजी की सुगठित प्रस्तुति। बधाई सुंदर संकलन की!

    जवाब देंहटाएं
  14. अश्रुपूरित श्रद्धांजली...
    बेहतरीन प्रस्तुति...
    आज का ऐतिहासिक चंद्रग्रहण वाकई दर्शनीय होगा..
    ब्लड मून (लाल चंदा)ललक तो है झलक की..
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  15. रिय श्वेता ----शानदार भूमिका के साथ बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुती | मेरी हार्दिक शुभकामनायें | आदरणीय ए पी जे अब्दुल कलाम को कौन नहीं जानता | अपनी सादगी सरलता और प्रेरक व्यक्तित्व के लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा | एक साधारण बालक जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा और मेहनत के जरिये राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन हुआ उससे कौन प्रेरणा ना लेना चाहेगा |? बहुत ही सुंदर लिखा आपने | सभी चयनित रचनाकारों को सस्नेह शुभकामनायें | सभी साहित्य प्रेमियों को गुरु पूर्णिमा पर हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं | सस्नेह | |

    जवाब देंहटाएं
  16. सुन्दर अंक हेतु बधाई।
    डॉ कलाम को श्रद्धाजंलि।
    मुझे स्थान देने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं

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