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रविवार, 19 मई 2019

1402.....परीक्षा में कम अंक पाने वाले बच्चों के नाम एक खत

जय मां हाटेशवरी......
आज यहां मतदान है.....
इस लिये चारों ओर इसकी ही चर्चा है......
काफी लंबे मंथन के बाद......
मैंने भी अपने मत के लिये......
एक योग्य उमीदवार चुन ही लिया है.....
इस बार के चुनाव.....
अन्य चुनाव से काफी अलग है.....
इस बार मतदाता ने.....
अपने विवेक से मतदान किया है......
....23 मई को चुनाव-परिणाम चौकाने वाले होंगे......
ऐजिक्टपोल आने तक.....
पढ़िये आज के लिये मेरी पसंद की रचनाएं.....

गुमसुम चुप सा ठहर गया यूँ ,
समय यहाँ और वहाँ  कोई ।
वक्त ने खड़ी इस बार भी
की ,फिर  नयी दीवार  वहीं।

सरस्वती के चीरहरण की घटनायें चौथे स्तम्भ के लिये भी उपेक्षित होती हैं । कभी-कभार कोई बात उजागर हो ही गयी तो माननीयों द्वारा कह दिया जाता है कि यह सब विदेशी
ताकतें करवा रही हैं हमारे देश में । विदेशी ताकतों पर थोप कर सारे आरोप हम ख़ुद को पाक-साफ मान कर चुप बैठ जाते हैं ।



भाव समन्वय की गतिशील रहे
अविरल प्रवाह गति मंथर मंथर
संवाद मौन की गगन दुंदुभि
नाविक प्रयाण पथ सदा निरंतर -
स्वर प्रकोष्ठ के नाद करें
जाग्रत अनंत जिज्ञाषा लिखना -
स्पर्श मलय का अभिनंदन
होने का प्रतिपादन कर दे

दीजिये लीजिए जो भी, श्रद्धा से करें
बिन भावना के दुआ असर नहीं होती 


परीक्षा में कम अंक पाने वाले बच्चों के नाम एक खत
अक्सर किसी भी स्टूडेंट की काबिलियत का पैमाना उसके मार्क्स को माना जाता हैं। अच्छे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अच्छे मार्क्स होना बहुत ज़रुरी
भी हैं। लेकिन यदि तुम्हारे कुछ मार्क्स कम आएं हैं तो उसके लिए निराश हो कर डिप्रेशन का शिकार होना या आत्महत्या करने की सोचना सरासर गलत हैं। क्योंकि किसी
एक परीक्षा में फेल होने से जिंदगी खत्म नहीं होती। फेल सब होते हैं। कोई स्कूल की परीक्षा में, कोई अपने ऑफ़िस में तो कोई बिज़नेस में। लेकिन इसका ये मतलब
नहीं कि हम जिंदगी का साथ छोड़ दे। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने भी कहा था कि ''अगर आप FAIL हो जाएं तो कभी भी हार न माने क्योंकि F.A.I.L. का अर्थ होता हैं
‘First Attempt In Learning’ मतलब सीखने की आपकी पहली कोशिश।''


  "आज तो देश का सवाल है, देश तब समाज तब घर...।"
"बुजुर्ग कह गए हैं कि घर में दीया जलाकर तब मंदिर में दीया जलाया जाता है!"
"इसलिए न नेताओं की तिजोरी भरती चली जाती है और...!"

अपनी रक्ताभित लालिमा से विश्व दुल्हन सजाता है
सहस्त्र किरणों की डोर लिये धरती को छूने आता है
फिर शाम के फैले आंचल में थक  के सो जाता है।


धन्यवाद।

13 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन प्रस्तुति..
    आज शाम से ही
    आभासी परिणाम
    मिलने लगेंगे..
    आभार...
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. किसकी जीत किसकी हार... साधारण जनता को पीसना है तो पीसना है
    अति सुंदर संकलन
    हार्दिक आभार संग सस्नेहाशीष पुत्तर जी

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन लिंक्स के साथ बहुत सुंदर प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन लिंकों से सजी रचना..

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रस्तूति। मेरी रचना को 'पांच लिंकों का आनंद' में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, कुलदीप भाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह!!बेहतरीन प्रस्तुति!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत शानदार प्रस्तुति सुंदर संकलन।
    सभी रचनाएं पठनीय सराहनीय। मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार ।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा पठनीय लिंक संकलन...।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही प्यारा अंक प्रिय कुलदीप जी। एक खत बच्चों के नाम सभी माता पिता के लिए भी पढ़ना जरूरी है। सभी रचनाकारों कोहार्दिक शुभकामनाएं और आपको भी सस्नेह आभार सुंदर अंक के लिए।

    जवाब देंहटाएं

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