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बुधवार, 8 मई 2019

1391..जंगल में तब्दील होता शहर..



।।उषा स्वस्ति।।



प्रेम में प्राण में गान में गंध में
आलोक और पुलक में हो रह प्लावित 
परम हर्ष से सारा मधु अपना उसके चरणॊं में रख कर।
नीरव आलोक में, जागा हृदयांगन में,
उदारमना उषा की उदित अरुण कांति में,
अलस पड़े कोंपल का आँचल ढला, सरक कर...
गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर
साहित्य के माध्यम से भारतीय संस्कृतिक चेतना में नये प्राण फूँकने वाले युगद्रष्टा , दार्शनिक महान कवि..
अब नज़र डालें लिंकों पर..✍
🔸🔸🔸

                                             
               एक घने और डरावने जंगल में
                  तब्दील होता - शहर

                  हवा के झोंके से
                  पत्ता भी थरथराता है

                  तो- साँसे थमने लगती हैं
                  साँसों के थमने-रुकने के खेल के बीच भी

                  नन्हीं चिरैया की चीं-चीं की पुकार..
🔸🔸🔸

देगची खदबदा रही है, फूटने का इंतजार भर
सेकुलर बिरादरी और मुस्लिम बुद्धिजीवी दोनों ही होच-पोच होने लगे हैं। अन्दर ही अन्दर देगची में ऐसा कुछ पक रहा है जिससे इनकी नींद उड़ी हुई है। महिलाएं आजाद होने की ओर कदम बढ़ाने लगी हैं। कभी तीन तलाक सुर्खियों में आता है तो कभी बुर्का! पुरुषों का अधिपत्य पर पत्थर फेंकना ही बाकी रह गया है बाकि तो उनके खिलाफ बगावत का बिगुल बज ही उठा है। 
🔸🔸🔸



फिर संसद ने टेर लगाई
समय खड़ा मुसकाता है
लगा सभा हर मंच दहाड़ा
सेहरा बाँधे हँसे चुनाव
झूठ पहनकर चोगा व्हाइट
सच बेचारा रहा फँसाव
🔸🔸🔸



ओ बड्डे, काय फिरत भैराने ।।
काय फिरत भैराने, ओ बड्डे
अपनो हाल बतइयो हमसे
करियो नाय बहाने ।
ओ बड्डे, काय फिरत भैराने ।।

कोऊ से तुम अब ना डरइयो
वोट डारबे खों तुम बी जइयो
देश के लाने कदम बढ़इयो..

🔸🔸🔸

आदरणीया अनुराधा चौहान जी..
शक्ति
 विश्वास की
प्यार के एहसास की
हमें नहीं झुकने देती
ज़िद के आगे तूफ़ान की
शक्ति 
परिवार की
एकता के आधार की
कभी नहीं बहने देती..
🔸🔸🔸
हम-क़दम का नया विषय
🔸🔸🔸
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍

6 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम में प्राण,
    प्राण में गान
    गान में गंध
    गंध में आलोक
    और पुलक में परम हर्ष
    कालजयी कलम से
    प्रसवित शब्द..
    दिवस सफल व सबल
    हुआ आज का
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति प्रिय पम्मी जी
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार पम्मी जी

    जवाब देंहटाएं
  4. गुरुदेव की अति विशिष्ट पंक्तियाँ शुरूआत से मन मोह गई बहुत सरस प्रस्तुति सभी लिंक सराहनीय।
    सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं

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