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बुधवार, 28 नवंबर 2018

1230... आसमान की खुली छाती पर...



।।उषा स्वस्ति।।

"असफलता एक चुनौती है.. स्वीकार करो..
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो..
जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम..
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम..
कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती..
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती."

सुप्रसिद्ध कवि, लेखक व साहित्य 
एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित आदरणीय हरिवंश राय बच्चन जी 
की जयंती पर  विनम्र श्रद्धांजलि
 के साथ आज की रचनाओं पर नज़र डालें..
रचनाकारों के नाम क्रमानुसार पढ़ें..✍
💢

आ० जफ़र अरोली जी
आ० मुकूल श्रीवास्तव जी
आ० उषा किरण जी
आ० अजित गुप्ता जी और
आ० अनिता सैनी जी
💢

चिता की आग में जल रहा हूँ मै ,
तेरे मिलने को मचल रहा हूँ मै,
एक रोज़ कभी मिली थी फ़ुलो की सेज़,
जबकि रोज़ काँटों पर चल रहा हूँ मै ,
💢

उधर तुम चैट पर जल रही होती हो कभी हरी तो कभी पीली और इधर वो तो बस लाल
 ही होता है. एप्स के बीच में फंसी जिन्दगी वो जाना भी नहीं चाहता था और जताना भी नहीं. वो जितने चैटिंग एप्स डाउनलोड 
करता वो उससे उतना ही दूर जा रही थी. अब मामला “जी चैट”  बत्तियों के हरे और लाल होने का नहीं था. अब मसला जवाब
 मिलने और उसके लगातार ऑन लाइन रहने के बीच के फासले का था.वो उसे अक्सर उसे पोक करता वो चुपचाप 
उस पोक मेसेज को डिलीट कर ..💢
शब्द
नन्हीं उँगलियों से
पंजों के बल उचक कर
लिखती रहती शब्द अनगिनत
तो कभी
बाथरूम की प्लास्टर उखड़ी
दीवारों पर दिखतीं..
💢

फिल्म 102 नॉट ऑउट का एक डायलॉग – 
चन्द्रिका को तो एलजाइमर था
 इसलिये वह सारे परिवार को भूल गयी लेकिन उसका बेटा अमोल बिना अलजाइमर के ही सभी को भूल गया!
मोदी को अलजाइमर नहीं है, वे अपने नाम के साथ अपने पिता का नाम
 भी लगाते हैं, राजीव गांधी को भी अलजाइमर नहीं था, फिर वे अपने पिता का
 नाम अपने साथ क्यों नहीं लगाते थे?
 राहुल गाँधी अपनी दादी का नाम खूब भुनाते हैं ..
💢

ख़ामोशी से एक टक ताकना,
उत्सुकता भरी निगाहें ,
अपनेपन से  धड़कती, 
 धड़कनों की  पुकार,
ओर कह रही  कुछ पल मेरे पास   बैठ  !!
 एक कप चाय का बहाना ही क्यों न हो
💢
इसी के साथ आज की प्रस्तुति यहीं तक..

हमक़दम के विषय के लिए

यहाँ देखिए

।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍








14 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभातम् पम्मी जी,
    वाह्ह्ह क्या बात है भूमिका बहुत ही अच्छी है।
    सकारात्मक संदेश.और ऊर्जा से भरपूर।
    सभी रचनाएँ उम्दा है।
    एक शानदार अंअ के लिए बहुत बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात पम्मी जी
    बहुत ही अच्छी हलचल प्रस्तुति 👌
    बेहतरीन रचनाएँ ,मेरी रचना को जगह देने के लिए सह्रदय आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर संकलन वह प्रस्तुति,सभी रचनाकारों
    की लेखनी को प्रणाम

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन अंक...
    उम्दा रचनाएँ...
    साधुवाद....
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  5. वाहह....
    बहुत बढ़िया
    आनन्द आया
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह!!!पम्मी जी ,सुंदर भूमिका के साथ लाजवाब प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया पम्मी जी द्वारा। महान कवि बच्चन जी की अमर काव्य पंक्तियों के साथ शानदार आगाज़। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर प्रस्तुति भुमिका में श्री सोहनलाल द्विवेदी जी की रचना की प्रेरक पंक्तियाँ।
    (कई लोग इस रचना को हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा रचित मानते हैं। लेकिन श्री अमिताभ बच्चन ने अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह रचना सोहनलाल द्विवेदी जी की है।)
    आदरणीय हरिवंशराय बच्चन जी को उनकी जयंती पर सादर श्रृद्धा सुमन अर्पित ।
    सभी रचनाऐं बहुत सुंदर पम्मी जी सुंदर प्रस्तुति सुंदर संकलन ।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  9. आ० पम्मी जी मेरी रचना का चयन करने हेतु हृदय से आपका आभार🙏

    जवाब देंहटाएं
  10. शानदार प्रस्तुति पम्मी जी। . मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।

    बच्चन साहब का तो मैं बहुत बड़ा फैन हूँ।

    जवाब देंहटाएं
  11. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं

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