जय मां हाटेशवरी.....
हरेक तरफ़ को उजाला हुआ दिवाली का
अजब बहार का है दिन बना दिवाली का..नज़ीर
सादर अभिवादन.....
लंबी छुट्टी के बाद......
आज पुनः उपस्थित हूं.....
आप सब पाठकों के साथ दिवाली मनाने.....
आप सभी को.....
5 November :- धनतेरस उत्सव
6 November : – छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी
7 November : – मुख्य दीपावली
8 November :- गोवर्धन पूजा और अन्नकूट
9 November :- भैया दूज का त्यौहार
इन पांचों पर्वों की शुभकामनाएं.....
अब पेश है......
दिवाली पर ये विशेष प्रस्तुति.....
पंक्ति बद्ध
सचेत प्रहरी से
तिमिर अमावस
का हर लेते
खुद मिट कर
उजास बरसाते
रह अकम्प
थिरता भर जाते
जगमग दीप दीवाली के !
हमने सदियों से उठा रखे है
परंपरा के पुस्प
उन्हे ताजगी सा महकाओ
तो कोई राग चले
दिये जलाओ कि कुछ
तिमिर हटे
.....
मंगल पर्व
ले लो नए संकल्प
खुशी फैलाओ ......
पटाखे फोड़े
फुलझरी जलाएँ
पर्व मनाएँ.....
घनघोर काली सी एक रात पर
फिर से नन्हे से दीपक ने जीतकर दिखाई है
मित्रो को, सखियों को, गैरों को अपनों को
छोटो को - बडको को, सबको बधाई है
आलोकित संसार में,हरदम पलता प्यार
उजलेपन से ही सदा,जीवन पाता सार,
दीपों की यह है कथा,जीवन में उजियार
संघर्षो के पथ रहो, कभी न मानो हार,
नव ज्योति के झिलमिल पंखो से
आओ हटा दें हर घर से अँधेरा
करें जगमग आस किरणों को
लाएं फिर एक नया सवेरा
मिलकर मनाएं चलो दिवाली…..
चमक रोशनी की कुछ ऐसी हो
कि राह भटक जाए ‘अंधेरा’
फिर कभी न हो किसी ह्रदय में
उदासी का यूँ गहन बसेरा
मिलकर मनाएं चलो दिवाली....
आतिशबाजी छोड़-छोड़कर बुरी शक्तियां नहीं मरें ,
करें प्रण अब बुरे भाव को दिल से दूर भगायेंगे .
..............................................................................
चौदह बरस के बिछड़े भाई आज के दिन ही गले मिले ,
गले लगाकर आज अयोध्या भारत देश बनायेंगे .
लौ की आस को
धारण किये रखना...
कितना कठिन होता होगा
उजाले की राह तकना...
सब पुरुषार्थ
अपनी नन्ही काया और
द्विगुणित माया से
सहज ही कर जाते हो...
आज बस इतना ही.....
हम पर्व धरा को बचाने के लिये मनाते हैं.....
मानव की खुशहाली के लिये मनाते हैं......
सभी का स्वास्थय उत्तम रहे.......
इस लिये दीपों की जगमगाहट से ही दिवाली मनाएं.....
पटाखों का धुआं पर्यवरण को दूशित कर रहा है......
कुछ लोगों को ये पटाखे हमेशा के लिये अपाहिज बना देते हैं.....
खुशी मनाने के कई और भी तरीके हैं......
जिनसे हम दिवाली को यादगार व शुभ बना सकते हैं......
......
हम-क़दम का चौंवालिसवाँ विषयः
कैसी रही दीपावली (अनुभव)
प्रविष्टि 10 नवम्बर तक आनी चाहिए
प्रकाशन 12 नवम्बर को...
सादर धन्यवाद।
सुप्रभात। दीपावली पर जगमगाती हुई सुंदर प्रस्तुति। शब्दों के ये दीप मन का तम हरते हैं।
जवाब देंहटाएं"एक दीप, मन के मंदिर में,
कटुता द्वेष मिटाने को !
एक दीप, घर के मंदिर में
भक्ति सुधारस पाने को !
वृंदा सी शुचिता पाने को,
एक दीप, तुलसी चौरे पर !
भटके राही घर लाने को,
एक दीप, अंधियारे पथ पर !
दीपक एक, स्नेह का जागे
वंचित आत्माओं की खातिर !
जागे दीपक, सजग सत्य का
टूटी आस्थाओं की खातिर !"
सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
वाहहह..👌👌👌
हटाएंबहुत सुंदर।
हटाएंबहुत ही सुंदर रचना है प्रिय मीना बहन | आपके साथ पंच लिंकों के सभी पाठकों और सहयोगियों को सस्नेह दीपावली की बधाई और शुभकामनायें |
हटाएंसु-स्वागतम कुलदीप भाई...
जवाब देंहटाएंरूप चौदस की शुभकामनाएँ...
बेहतरीन प्रस्तुति..
साधुवाद...
सादर...
सुप्रभात !!
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !!
दीपोत्सव की दीप्ति से सजा सुन्दर संकलन ।
सुप्रभातम्,
जवाब देंहटाएंस्वागत है आपका कुलदीप जी।
हमेशा की तरह बेहतरीन अंक है।
सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सभी रचनाएँ बहुत अच्छी हैं।
कुलदीप जी की एक सुन्दर दीपोत्सव प्रस्तुति एक लम्बे अन्तराल के बाद। शुभकामनाएं दीपपर्व की सभी के लिये।
जवाब देंहटाएंजगमगाते दीपों की सुन्दर श्रंखला प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली!
लम्बे अंतराल के सुंदर दीपोत्सव प्रस्तुति बहुत बढिया कुलदीप जी.
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली.
धन्यवाद
सुंदर प्रस्तुति आपको सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंशानदार विषय वस्तु ,सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, अलग अंदाज में... 👌
जवाब देंहटाएंछोटी दीवाली की बड़ी शुभकामनाओं संग सदा स्वागत है
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी प्रस्तुती है प्रिय कुलदीप जी | आप्कने बहुत ही सरस मधुर रचनाओं का चयन किया | आंबे अंतराल के बाद आपका रचनाओं का चयन अत्यंत सराहनीय है | सभी पाठकों ,सहयोगियों और रचनाकारों को सस्नेह दीपावली की बधाई | आपको विशेष आभार और बधाई |
जवाब देंहटाएं