जगमगाने से पहले ही खुश हो जाती है
उजाला होना तो दूसरा चरण है
बाद का चरण है
बिजली आने के बाद का
बत्ती के जल जाने से पहले का,
आशा-निराशा
सुख के कुछ फूल चुनने लगती हूँ…
प्रयास करती हूँ, विफल हो जाते हैं,
सहम जाती हूँ,
विफलता के अन्धकार के उस पार,
रोशनी की किरण ढूँढने लगती हूँ…
आशा और निराशा
गिर-गिर फिर उठते चले
अब आज उस अतुल श्रम का प्रतिफल
हमने ये पाया है
कि खुद उस व्योम का स्वर्ग इस धरा पर
हमारे लिए उतर आया है
निराशा के नाम
मेरी मुहब्बत बेकार है...
बीते कल के खाने की तरह॥
मेहमान जो आते हैं कभी,
तो लौट के जाने की तरह...
मगर मैं जानता हूँ,
मुक्तक संग्रह
चरागों ने धुआँ छोड़ा बहुत पर रौशनी कम दी,
घटा छायी जो चंदा पर तो उसने चाँदनी कम दी,
न देखो तुम मेरी मजबूरियों की वजह भी कुछ है,
जहाँ की फिक्र तो दे दी, खुदा ने आमदनी कम दी।
><
फिर मिलेंगे...
आदरणीय दीदी..
जवाब देंहटाएंसादर चरणस्पर्श..
पर्व की शुभकामनाएँ
जानदार प्रस्तुति...
सादर...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह बहुत ही लाज़वाब प्रस्तुति है दी।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ एक से बढ़कर एक हैं।
एक प्रेरणादायक अंक.पढ़वाने के लिए आभार दी।
बहुत ही सुन्दर हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति मेहनती और अन्वेषण दृष्टि दी आपकी।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाऐं बहुत सुंदर रचनाकारों को बधाई ।
Happy Diwali Messages in Tamil
जवाब देंहटाएंace daily posts