श्रीगणेश
सुबह - सुबह की
नये विश्वास के साथ
नए आस के साथ
आज आप सभी पढे..✍️
गणपति हैं जन-जन के नायक
हर घर-आँगन में बस जाते,
नृत्य, गायन, साज-सज्जा के
जाने कितने ढंग सिखाते !
एक नया जीवन है
मृत्यु
2.
लोभ, मोह
माया से परे
एक नया जीवन है
मृत्यु
✨️
नदियाँ चुपचाप नील गगन में बहती है ।
वे हमसे चुपचाप कुछ कहती है ।
श्वेत - नील स्वच्छ पयो परिधान
रजतवर्ण चाँदी सा..
✨️
मेरे फेफड़ों में
अब भी
बरसात ठहरी है —
धूप की गंध लिए
वो पहली फुहारें,
जो तुम्हारी हँसी से
भीग गई थीं।
हर साँस
एक अलग मौसम बन कर
गुज़रती है..
✨️
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह ' तृप्ति '..✍️
सुप्रभात! सुंदर प्रस्तुति, गणपति उत्सव पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ! बहुत बहुत आभार!
जवाब देंहटाएंगणेशोत्सव की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
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