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शुक्रवार, 1 अगस्त 2025

4467....पढ़ दी गई हैं सारी किताबें

शुक्रवारीय अंक में 
आप सभी का हार्दिक अभिनंदन।
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"जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले,हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम 
न जागृत हो,जो हमें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त 
करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है।
वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं।"
मुंशी प्रेमचंद का यह सारगर्भित कथन स्वयंसिद्ध है।
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आज की रचनाएँ-

टपकेगा आसमान से पानी सुना है
अभी बादलों के बीच में
कोई समझौता हुआ है
कहां पर हुआ है

पन्ने भरें हैं लिखे हुए से
पढ़ दी गई हैं किताबें सारी
फिर से लिखने को कहा है
किसने कहा है किससे कहा है
किसका लिखना अपना सा हुआ है



मैंने अपनी सबसे सुन्दर कविता
तुमसे नहीं कही —
ताकि तुम मेरे साथ रहो हमेशा
मेरा बेस्ट सुनने के लिए ... 
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हर बार जब मैं
तुम्हारे नाम की आख़िरी मात्रा पर रुकता हूँ —
एक नज़्म वहीं से
उदास होकर लौट जाती है...

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हर चेहरा
निखर
जाए, न वो कुआं ही रहा, न वो प्रतिबिंब,
न वो चौबारा जहाँ से कभी उठती
थी सांझे चूल्हों की महक, न
जाने कितने हिस्सों में
बँट चुका समुदाय
हमारा, 



मतभेद का नाद हुआ ।
स्नेह कहाँ खो गयी
दंभ का विकार हुआ
सुखमय सी स्मृतियाँ
संदेह का आधार हुआ ।
होगा नहीं मिठास अब
रिश्तों में दरार हुआ 




मैं उनके घर कभी भी रहने आ सकता हूं।पर ऐसा हो नहीं पाया।हाँ ये जरूर है कि उनसे मेरा बराबर मिलना होता रहा।वो कभी आकाशवाणी में या कभी हमारे आफिस के आस-पास आते तो बिना मुझसे मिले न जाते।और मौक़ा मिलने पर मैं  भी भाई के घर पहुँच जाता।पर शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि भोजन किये बिना उन्होंने मुझे वापस आने दिया हो।

   


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आज के लिए इतना ही
मिलते हैं अगले अंक में।
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6 टिप्‍पणियां:

  1. जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे,
    आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले,
    हममें गति और शक्ति न पैदा हो,
    हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो,
    जो हमें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त
    करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे,
    वह हमारे लिए बेकार है।
    व्वाहहहह
    शानदार सोच
    सुंदर अंक आभार
    वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं।"

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन अंक, सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. आभार श्वेता जी मेरे ब्लाग पोस्ट का लिंक यहाँ साझा करने के लिए 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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