।। प्रातः वंदन।।
अरुण-पट पहने हुए आह्लाद में,
कौन यह बाला खड़ी प्रासाद में?
प्रकट-मूर्तिमती उषा ही तो नहीं?
कांति-की किरणें उजेला कर रहीं।
यह सजीव सुवर्ण की प्रतिमा नई,
आप विधि के हाथ से ढाली गई !
मैथिली शरण गुप्त
सुहानी भोर के इसी खास अंदाज से थोड़ी ही सही पर नज़र बदल तो जातीं हैं सोच के दायरे में की शब्दो ंंका अंकुरित होना, जिसमें चंद रचनाओं को लाने का प्रयास में लीजिए ✍️
उतर आई है रात सधे
पांव तलहटी के
झुरमुट में,
गहरा
चली
सी
है ज़िन्दगी ख़ूबसूरत से
आहट में, एक दूजे
में हो विलीन
बह चले हैं..
⚜️
सागर किनारे
मौसम बहुत प्यारा
जब चलते चलते थकी
पीने को हाथ बढाया
खारा पानी एक घूँट ना पी पाई प्यासी ही रही एक विचार मन में..
⚜️
टुकड़े टुकड़े में होना खतम नहीं ....
मत मानो इतनी आसानी से हार ,
चाहे परिस्थिति हो कितनी भी बेकार ।
छटपटाओ, चीखों चिल्लाओ ,
हाथ में जो आए वो उठाओ ,
मौका मिलते ही करो तगड़ा वार ,
मत मानो इतनी आसानी से हार ........
⚜️
गर्वपूर्ण सुंदर चेहरे पर दिखे गौरव है
मंथर गति में गरिमामय सौंधी सौरभ है
नयनों की गहनता का करूँ क्या वर्णन
क्षत्राणी-स्वभाव में समाहित पौरव है..
⚜️
समान नागरिक संहिता अर्थात् UCC से जुड़े हर बड़े सवाल का जवाब है यहां
समान नागरिक संहिता (UCC) भारत के लिए एक कानून बनाने की मांग करती है, जो विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होगा. इसको लेकर देश में विवाद छिड़ा हुआ है. विधि आयोग एक रिपोर्ट भी तैयार कर रहा है.
।। इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️
बेहतरी अंक..
जवाब देंहटाएंUCC में लिंक लगा दीजिए
महत्वपूर्ण प्रस्तुति है
आभार
सादर
जी दी,सुंदर भूमिका और.बेहतरीन रचनाओं का शानदार संकलन आज की प्रस्तुति में।
जवाब देंहटाएंइतने बढ़िया पठनीय अंक में पाठकों की प्रतिक्रिया का न होना हम चर्चा कारों का मनोबल कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है,परंतु सकारात्मक उम्मीद और कर्मठता सबपर भारी है।
सस्नेह।
जी दी,सुंदर भूमिका और.बेहतरीन रचनाओं का शानदार संकलन आज की प्रस्तुति में।
जवाब देंहटाएंइतने बढ़िया पठनीय अंक में पाठकों की प्रतिक्रिया का न होना हम चर्चा कारों का मनोबल कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है,परंतु सकारात्मक उम्मीद और कर्मठता सबपर भारी है।
सस्नेह।
विविधता से परिपूर्ण रोचक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय मेम ,
जवाब देंहटाएंमेरी लिखी रचना ब्लॉग "टुकड़े टुकड़े में होना खतम नहीं ...." को इस अंक में साझा करने के लिये बहुत धन्यवाद!
सभी संकलित रचनाएँ बहुत ही उम्दा है , सभी को बहुत शुभकामनायें ।
सादर ।