संसार में पागलो की श्रेणी में
हम पहले नम्बर पर हैं
दो मत नहीं....
जाएंगे रांची किसी दिन
वहाँ भोजन तो घर का मिलेगा
पसंदीदा रचनाएँ कुछ यूँ है....
कोरोना के कहर से बचा अल्लाह
अज़ान के आखिर में एक दुआ हमेशा सुनाई देती है।
" या अल्लाह ! कोरोना के कहर से बचा अल्लाह,
सब पर अपना करम बरसा अल्लाह "
नमाज़ अदा करने के बाद मौलवी
मोहल्ले की गालियों में निकल जाता
और बिना मास्क पहने हर किसी को
मास्क पहनने को कहता।
ये रोज़ की दिनचर्या है उसकी।
कल बहुत देर तलक सोचती रही
फिर सोचा बात कर ही लूं
फिर मैंने ज़िंदगी को फ़ोन लगाया
मैंने कहा आओ बैठो किसी दिन
दो चार बातें करते हैं
एक एक कप गर्म चाय की प्याली
एक दूसरे को सर्व करते हैं
कब तक कोई आस लगाये ,
अपना आकुल मन बहलाए |
घर सूना है , आंगन सूना ,
जीवन का वृन्दावन सूना |
सुधियों की राधिका हठीली ,
और कर रही दुःख को दूना |
धुंधभरे जिल्द की किताब को रख दो
कहीं कांच की अलमारी में बंद,
जीवन की वास्तविकता
ग़र जानना हो
तो मिलो
उस
अंधकार गली के किसी मोड़ पर जहाँ
शैशव एक ही रात में पहुँच जाता
हमारे सुशील भैय्या का
उलूक टाइम्स
बारह वर्ष का हो गया
प्रस्तुत है उनकी पहली प्रस्तुति
परिचय
बतायें
कुत्ता हिन्दू
नहीं होता है
कुत्ता मुस्लिम
नहीं होता है
कुत्ता क्षत्रिय
नहीं होता है
कुत्ता ब्राह्मिन
नहीं होता है
और तो और
कुत्ते का
रिसरवेशन
नहीं होता है
काश !
कुत्ता होता मैं
और
मुहावरा होता
कुत्ते का आदमी
वफादार होता है ।
उनको ढेर सारी शुभकामनाएँ
सादर
सस्नेहाशीष व शुभकामनाओं के संग साधुवाद छोटी बहना
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुतीकरण
मुहावरा होता
जवाब देंहटाएंकुत्ते का आदमी
वफादार होता है ।
वाह्य!!!
हार्दिक आभार, सुन्दर प्रस्तुति एवं संकलन, असंख्य धन्यवाद - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आपका मेरी रचना को पाँच लिंको का आंनद में स्थान देने पर, बहुत सुंदर संकलन ।
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