सादर नमन
भाई कुलदीप जी को मातृशोक
माँ हाटेशवरी ने उन्हें अपने पास बुला लिया
माताश्री नहीं रही
इस दारुण दुःख की घड़ी में हम सब
भाई कुलदीप जी के साथ हैं
अश्रुपूरित श्रद्धाञ्जली
आज का अंक
माताश्री को समर्पित
बिलकुल उलटा!
फिर भी तुम
लौट गयी
उसी के पास !
कितनी
भोली हो तुम!
माँ, सुन रही हो न......
माँ............!!!
दूर देश जा बैठी हो माँ!
यादों मे अब तो तुम्हारा
अक्स भी धुंधला पड़ गया है
सावन की तीज के झूले
अक्सर तुम्हारी याद दिलाते हैं
दुआओं के खजाने लुटाती है,
काँपते हाथों से
मेरा सिर सहलाती है,
मूक निगाहों से भी
कितना कुछ कह जाती है...
माँ मुझसे मिलने आती है....
मेरा वो रूठ जाना यूँ ही माँ -..
तुम जो रोज कहा करती थी --
धरती और माँ एक हैं दोनों ,
अपने लिए नहीं जीती हैं -
अन्नपूर्णा और नेक हैं दोनों ;
माँ बनकर मैंने जाना है -
औरो की खातिर जीना कैसा है ,
जीवन - अमृत पीने की खातिर -
मन के आंसूं पीना कैसा है -,
माँ..
तुम हो साहस की सौगात,
चिरजीवन का साया बनी हर बार
तुम्हारे अंतस में छिपी हूँ मैं,
बन करुणा का कोमल किरदार।
माँ ! तुम सचमुच देवी हो गई......
प्रेरणा हो तुम,प्रभु का वर हो।
किन पुण्यों कि फल हो माँ !?
जीवन अलंकृत करने वाली,
शक्ति एक अटल हो माँ ! ।
आदरणीय हो,पूज्यनीय हो।
तुम सरस्वती ,लक्ष्मी हो माँ !
मेरे मन-मन्दिर में बसने वाली
तुम सचमुच देवी हो माँ !!
और अंत में माताश्री को शत-शत नमन
सादर
हम आपके इस दारुण दुख में सहभागी हैं
जवाब देंहटाएंसादर श्रद्धा सुमन
सादर..
पुत्तर जी का धैर्य बना रहे.. समानुभूति में स्थिति समझने की कोशिश कर रही हूँ
जवाब देंहटाएंदिवंगत माता जी को नमन |कुलदीप जी को दुःख सहने की शक्ति ईश्वर प्रदान करे |
जवाब देंहटाएंनमन व श्रद्धांजलि। धैर्य रखें कुलदीप जी।
जवाब देंहटाएंहम कितने भी बड़े हो जाएँ, माँ की ममता के सामने बच्चे ही रहते हैं। कुलदीप भाई एवं उनके परिवार को ईश्वर यह दुःख सहने की शक्ति दें। श्रद्धांजलि एवं नमन।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमाताजी के निधन की ख़बर बड़ी पीड़ादाई है।आपको और परिवार को भगवान दुःख सहन करने का संबल प्रदान करे।
जवाब देंहटाएंमाताजी की आत्मा को शांति मिले।
सादर
भाई कुलदीप एवं उनके परिवार को ईश्वर इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें।
जवाब देंहटाएंहार्दिक श्रद्धा सुमन!
निःशब्द हूँ कुलदीप जी।
जवाब देंहटाएंमाँ का मानसिक संबल सदैव आपके साथ है।
नमन
सादर।
।।ॐ शांति।।
जवाब देंहटाएंनमन और सादर श्रद्धांजलि!
इस दुख की घड़ी में हम सपरिवार आपके साथ हैं।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रिय अनुज कुलदीप जी,निंशब्द हूँ, इस पीड़ादायक समाचार से! माँ का जीवन से जाना, जीवन की अनमोल पूँजी का लुट जाना है।दुःख की इस घड़ी में समस्त ब्लॉग जगत आपके साथ है। माँ की आत्मा को भगवान शांति दे यही प्रार्थना है। दिवंगत आत्मा की पुण्य स्मृति को अश्रुपूरित नमन 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंधैर्य रखें और अपना ख्याल रखें। आपको परिवार को भी संभालना है।
जवाब देंहटाएंहे प्रभु! ये कैसा दुःखद समाचार सुनाया भगवान जी ने।
जवाब देंहटाएंहर रविवार सर की प्रस्तुति के लिये बहुत उत्साहित रहती हूँ, आज ब्लॉग पर आते ही इतना पीड़ादायक समाचार।
अनेकों प्रार्थनाएँ, माता हाटेश्वरी उन्हें उन्हें साहस और धैर्य दें और इस कठिन परिस्थिति में उनके निकट रहें।
प्रस्तुति अत्यंत भावुक है और इस समाचार ने उसे बहुत करुण बना दिया। सबों को प्रणाम।
दिवंगत माताजी को हार्दिक श्रद्धांजलि, भगवान आपको एवं आपके सम्पूर्ण परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।
जवाब देंहटाएंकुलदीप भाई एवं उनके परिवार को ईश्वर यह दुःख सहने की शक्ति दें। श्रद्धांजलि एवं नमन🙏🙏
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