निवेदन।


फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025

4550 ..बस कुछ बेवकूफों में गिने जाते थे मगर मशहूर थे

 सादर अभिवादन





बस कुछ बेवकूफों में गिने जाते थे
मगर मशहूर थे
हम भी देखते थे चोर थे वो भी देखते थे चोर थे
चोर ही थे मगर जो सच में चोर थे
चोर कहाँ चोर होते थे जहां सब तरफ सुने थे बस मोर थे
मोर थे हर तरफ बस मोर थे




मर्यादा पुरुषोत्तम
लक्ष्मी-गणराया की,
दीवाली मंगलमय
सर्वदा हो आपकी !






घटवा पे डूबी उगल बढ़ल जाला,
पनिया में जहर माहुर बितुरल जाला |
सुनी न लोगी
छठी के दिन आइल
घटवा के दुबिया गढ़ी
पनिया के साफ़ करिल |




उजाड़ा था फूल किसी, लाचार बाप के आँगन का,
आज अपनी बेटी के लिए, बगिया सँवारी जा रही है।
कर्म है लौटकर आता है, यक़ीनन,
देख खून मे लथपथ, बेटी तुम्हारी आ रही है।|






थोड़ी देर बीतने के बाद उनकी पत्नी दो गिलास में दूध लाकर दोनों को दे दिया। कुछ देर बात उनकी पत्नी ने कबीरदास से पूछा कि दूध मीठा है या और चीनी लाऊं। तब तक युवक थोड़ा दूध पी चुका था। उसने पाया कि दूध में चीनी की जगह नमक डाला गया था। कबीरदास ने बड़े शांत भाव से कहा कि नहीं, दूध मीठा है। यह सुनकर युवक आश्चर्यचकित रह गया। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि खारे दूध को कबीरदास मीठा क्यों बता रहे हैं।



आज बस
शुभकामनाएं

5 टिप्‍पणियां:

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...