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शनिवार, 11 अक्टूबर 2025

4537... हनुमान जी की देवी स्वरूप में पूरे साजो श्रृंगार के साथ पूजा-अर्चना की जाती है !

सादर अभिवादन
दशहरा और नवरात्रि
दोनो निकल लिए
अब तो बस
पांच दिनी उत्सव ही शेष है

आगे बढ़ें...

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मेघदूत समान है डाकिया ।
सदैव दुख-सुख का वाहक,
घंटी बजाता,आवाज़ देता
बेन सायकल पर आता है ।





विश्व के इस अनोखे, इकलौते मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें हनुमान जी की देवी स्वरूप में पूरे साजो श्रृंगार के साथ पूजा-अर्चना की जाती है ! एक झटका सा लगा ना.?? हनुमान जी, जो आजन्म ब्रह्मचारी रहे, हर नारी को पूजनीय माना ! उन्हीं की नारी स्वरूप में पूजा. !!  पर यह सच है ! इसके पीछे रामायण के लंका कांड में वर्णित उस घटना की मान्यता है, जिसमें अहिरावण राम और लक्ष्मण जी को छल से उठाकर पाताल लोक ले जा कर अपनी आराध्य कामदा देवी को उनकी बलि चढ़ाना चाहता है ! तभी हनुमान जी वहां जा कर मूर्ति में प्रवेश कर देवी के स्वरूप में उसका वध कर राम-लक्ष्मण दोनों भाइयों को अपने कंधों पर बैठा वापस ले आते हैं ! क्योंकि हनुमान जी ने मूर्ति में प्रवेश कर देवी का रूप धारण किया था, इसलिए इस मंदिर में हनुमान जी की देवी स्वरूप में पूजा होती है !





स्त्री—
आँचल में सूरज की तपिश छिपा लेती है,
ओस की बूंदों से चाँद को पोंछ देती है।
पग-पग पर शांति के पदचिह्न रचती है,
और अगली सुबह—
दुनिया उसे परिवर्तन की गूँज कहती है।




वह जो कुर्सी पर बैठा
अख़बार पढ़ने का ढोंग कर रहा है
जासूस की तरह
वह दरअसल मृत्यु का फ़रिश्ता है ।

आज बस
सादर वंदन

3 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात प्रिय यशोदा दीदी जी 💐
    बहुत सुंदर अंक।
    सृजन को स्थान देने हेतु हृदय से धन्यवाद।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. रचना को सम्मिलित कर सम्मान देने हेतु अनेकानेक धन्यवाद 🙏

    जवाब देंहटाएं

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