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शुक्रवार, 18 जुलाई 2025

4453...वो बिखरी चुप्पियाँ

शुक्रवारीय अंक में 
आप सभी का हार्दिक अभिनंदन।
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मर्यादा " 
एक शब्द या कोई बंधन नहीं, जीवन के व्यवहारिक व्यवस्था का 
संपूर्ण सार है।  भाषा की मर्यादा, जिससे हमारे 
चरित्र और व्यक्तित्व का आकलन किया जाता है।
आज  ऐसे परिदृश्य देखने को मिल रहे जिससे पता चल रहा है
सार्वजनिक जीवन को प्रभावित करने वाली   विधायिका,न्यायपालिका और कार्यपालका, जैसी संंस्थाएँ, जो समाज पर प्रभावी स्थान रखती हैं इनसेे जुड़े लोगों के द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते वक्त 
जिस स्तरहीन भाषा का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है 
उससे भाषा की मर्यादा पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है।
सवाल यह है हम किस दिशा में जा रहे?? 
आनेवाली पीढ़ी को क्या दे रहे ??
चिंता इस बात की है कि भाषा के भीतर बढ़ता भ्रष्टाचार एक असाध्य रोग की भाँति हमारे मानवीय मूल्यों को खोखला न कर जाये,
कृपया सोचियेगा अवश्य।
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आज की रचनाएँ-


काग़ज़ पे उतर आएँगे,
कुछ धुंधले से चेहरे,
हँसती आँखें, अधूरे ख़्वाब
और वो बिखरी चुप्पियाँ।  
हर शब्द होगा एक दर्द,
हर पंक्ति एक सिसकी,
मगर ये ख़त पढ़ेगा कौन?  
वक़्त तो बहरा है...!



वह बच्चा, जो रोज़ बेचता है

मोहल्ले में आइसक्रीम ,

अक्सर सोचता है,

अगर वह बेचनेवाला नहीं,

ख़रीदनेवाला होता,

तो वह भी खा सकता था

कभी-कभार कोई आइसक्रीम।




करो कृपा मुझ दीन पर, हे शिव गौरीनाथ ।
हर लो दुख संताप प्रभु, सर पर रख दो हाथ ।।
बम बम भोले बोलकर, भक्त करें जयकार ।
विधिवत व्रत पूजन करें, मिलती खुशी अपार ।।




उसके ही सांचे   में  गया था मैं ढल
हिम होके उसकी ख़ातिर था गया मैं गल
फिर भी नहीं निभाया उसने था साथ
वैरी से मिलकर दिया था ऐसा फल
क्या कहूँ सूख गया जीवन का जल
 




उसने कहा कि मैं पिछले कई सालों से तप कर रहा हूं। लेकिन आज तक मुझे ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई। लेकिन मैंने सुना है कि आपने राज महल में रहकर सभी सुख भोगते हुए ज्ञानयोग हासिल कर लिया है। भला, ऐसा कैसे हुआ? राजा थिबा ने कहा कि मैं आपको इसका तरीका बताता हूं। लेकिन आप यह दीपक पकड़िए और इसे लेकर राज महल में घूमिए। जो कुछ पसंद आ जाए, आप उसका सुख उठाइए। 


 
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आज के लिए इतना ही
मिलते हैं अगले अंक में।
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6 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर लिंक। मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. श्रवण मास की शुभकामनाएँ, सुंदर रचनाओं का संकलन !!

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छी-अच्छी रचनाओं का संकलन हैं। साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन रचनाओ का समायोजन... बेहतरीन अंक 🙏

    जवाब देंहटाएं
  5. उत्कृष्ट लिंकों से सजी शानदार प्रस्तुति
    मेरी रचना को भी सम्मिलित करने हेत सस्नेह आभार प्रिय श्वेता !

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर लिंक संकलन... हमारे शब्दों को इतना मान देने के लिए सस्नेह हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं

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