एक शब्द या कोई बंधन नहीं, जीवन के व्यवहारिक व्यवस्था का
संपूर्ण सार है। भाषा की मर्यादा, जिससे हमारे
चरित्र और व्यक्तित्व का आकलन किया जाता है।
सार्वजनिक जीवन को प्रभावित करने वाली विधायिका,न्यायपालिका और कार्यपालका, जैसी संंस्थाएँ, जो समाज पर प्रभावी स्थान रखती हैं इनसेे जुड़े लोगों के द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते वक्त
जिस स्तरहीन भाषा का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है
उससे भाषा की मर्यादा पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है।
आनेवाली पीढ़ी को क्या दे रहे ??
कृपया सोचियेगा अवश्य।
वह बच्चा, जो रोज़ बेचता है
मोहल्ले में आइसक्रीम ,
अक्सर सोचता है,
अगर वह बेचनेवाला नहीं,
ख़रीदनेवाला होता,
तो वह भी खा सकता था
कभी-कभार कोई आइसक्रीम।

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सुंदर लिंक। मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंश्रवण मास की शुभकामनाएँ, सुंदर रचनाओं का संकलन !!
जवाब देंहटाएंअच्छी-अच्छी रचनाओं का संकलन हैं। साधुवाद
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओ का समायोजन... बेहतरीन अंक 🙏
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लिंकों से सजी शानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को भी सम्मिलित करने हेत सस्नेह आभार प्रिय श्वेता !
बहुत सुंदर लिंक संकलन... हमारे शब्दों को इतना मान देने के लिए सस्नेह हार्दिक आभार
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