मध्य प्रदेश के इटावा-फर्रुखाबाद मार्ग पर दतावली गांव के पास जुगराम जी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। उसी से जरा आगे जाने पर खेतों में भोलू सैय्यद का मकबरा बना हुआ है। जो अपने नाम और खुद से जुड़ी प्रथा के कारण खासा मशहूर है। इसे चुगलखोर की मजार के नाम से जाना जाता है और प्रथा यह है कि यहां से गुजरने वाला हर शख्स इसकी कब्र पर कम से कम पांच जूते जरूर मारता है। क्योंकि यहां के लोगों में ऐसी धारणा है कि इसे जूते मार कर आरंभ की गयी यात्रा निर्विघ्न पूरी होती है। अब यह धारणा कैसे और क्यूँ बनी, कहा नहीं जा सकता। इसके बारे में अलग-अलग किवदंतियां प्रचलित हैं !
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बहुत खूबसूरत सूत्रों से सुसज्जित आज की हलचल ! मेरी रचना को इसमें सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंआभार यशोदा जी |
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार आ . यशोदा जी ! सादर नमस्कार !
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक!
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवसंत पंचमी पर अति सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
जवाब देंहटाएंसम्मिलित कर सम्मान देने हेतु अनेकानेक धन्यवाद 🙏
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