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रविवार, 23 फ़रवरी 2025
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1 टिप्पणी:
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सुप्रभात ! आज का अंक कवयित्री अनीता सैनी जी की पाँच अति सशक्त रचनाओं से यादगार व संग्रहणीय बन गया है। इन रचनाओं में बहुत गहराई है। विशेष रूप से स्त्री मन की बेबसी और पीड़ा की धारा हर रचना में नीचे बहती सी लगती है पर वह मात्र व्यथित नहीं करती, कुछ करने की और दुख का डटकर सामना करने की प्रेरणा भी देती है।
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