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शनिवार, 17 अगस्त 2024

4220 ...कफ को शांत रखने के लिए गुड़ और शहद दोनों ही अच्छा होता है

 नमस्कार

229 बीत गए
136 बाकी  ...क्या बाकी
दिन और क्या
कल सभी को
नववर्ष की शुभकामनाएं
दिए थे...अब 136 दिन बाद फिर देंगे

सीधे चलें रचनाओं की ओर




मानव रचना का वृहत् कार्य कर ,
सृष्टि निरख हो कर प्रसन्न.
अति तुष्टमना सृष्टा ने मायामयी
सहचरी के साथ मग्न
देखा कि मनुज हो सहज तृप्त,
हो महा प्रकृति के प्रति कृतज्ञ
आनन्द सहित सब जीवों से
सहभाव बना रहता सयत्न .






हवा ,ये फूल ,ये खुशबू ,यही गुबार रहे
कहीं से लौट के आऊं तुझी से प्यार रहे

मैं जब भी जन्म लूँ गंगा तुम्हारी गोद रहे
यही तिरंगा ,हिमालय ये हरसिंगार रहे





सच है कि यूँ ही कोई
'उम्र' को पहले बुलाया नहीं करता,
बेवक्त घर में उन्हें अचानक
छोटा से बड़ा होना जाना पड़ता होगा।





कफ को शांत रखने के लिए गुड़ और शहद दोनों ही अच्छा होता है।चीनी शरीर को नुकसान पहुंचाती है, जबकि गुड़ औषधीय गुणों से भरपूर है। मूंगफली क्षारीय होता है। अतः इसे गुड़ में मिलाकर खाना चाहिए। इसे नवंबर, दिसंबर ,जनवरी,फरवरी में जरूर खाना चाहिए। इससे कफ संतुलित रहेगा।




देश हमारा इतना प्यारा
सब नदियों की बहती धारा
ऋतु चार जीते हम सब है
सर्दी - गर्मी वसंत - वर्षा

बारिश के मौसम में बच्चे
खूब खेलते छप - छप करके
मम्मी जितनी चिक - चिक करती
बच्चे उतने खुश हो जाते




दस ही दिन हुए हैं
जश्ने आजादी का मनाये हुऐ
हे कृष्ण

आज तेरा जन्म दिन
मनाने का अवसर हम पा रहे हैं
दिन भर का व्रत करने के बाद
शाम होते होते दावत फलाहार की
तुझे भोग लगा कर खुद खा
और बाकी को साथ में भी खिला पिला रहे हैं


आज  बस
सादर

8 टिप्‍पणियां:

  1. गुलदस्ता जिसमें भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल हैं। सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात ! सुंदर प्रस्तुति !

    जवाब देंहटाएं
  3. अलग अलग मोतियों से पिरोई गई सुंदर माला।

    जवाब देंहटाएं
  4. इसमें मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर सारगर्भित अंक।
    सभी रचनाकारों को विशेष बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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