सादर अभिवादन।
स्वतंत्रता-दिवस की असीम शुभकामनाएँ।
भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त हुए 77 वर्ष पूरे हुए और आज हम गर्वोन्नत मस्तक रख 78 वां स्वाधीनता-दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ
मना रहे हैं। यह उत्सव हरेक भारतवासी को अत्यंत प्रिय है। स्वतंत्रता के लिए लंबा
कठिन संघर्ष और बलिदानों का इतिहास देश की एकता और अखंडता के लिए सर्वथा
प्रेरणादायी है।
15 अगस्त 1947 भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। 14 और 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि को भारत विभाजन की घोषणा हुई और भारत से नया
देश निकला पाकिस्तान (पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान) पूर्वी पाकिस्तान को भारत ने
बांग्लादेश के रूप में स्थापित होने में समर्थन और सहयोग दिया। विभाजन की पीड़ा
झेलते हुए भारत ने पहला स्वाधीनता-दिवस समारोह 15 अगस्त 1947 को मनाया, दिल्ली के लाल क़िले पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित
जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा फहराकर देश को संबोधित किया था। तब से अब तक दिल्ली के लाल क़िले से
प्रधानमंत्री द्वारा देश को संबोधित करने और तिरंगा फहराने की परंपरा शानदार
समारोह के साथ चली आ रही है।
देश की सीमाओं पर तैनात सैनिक, अनुसंधान और शोध में कार्यरत वैज्ञानिक कृषि
कार्य में व्यस्त किसान, निर्माण कार्य में खपे श्रमिक, कार्यालयों से लेकर मैदानों में तैनात सरकारी
अमला हो निजी क्षेत्र के अधिकारी कर्मचारी, अवकाश प्राप्त वरिष्ठ जन हों या चिंतक-बुद्धिजीवी,समाजसेवी सभी अपने-अपने स्तर पर देश की समृद्धि,शांति, एकता और अखंडता के लिए योगदान दे रहे हैं। आज हमारा देश
अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ रहा है। भावी पीढ़ी को कठिन चुनौतियों का
सामना करने हेतु सक्षम बनाना देश का प्रथम लक्ष्य है। चरित्र निर्माण ही राष्ट्रीय
चरित्र को उत्तम स्तर की ओर ले जाता है।
राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन के अमर बलिदानियों का स्मरण
करते हुए आप सभी को पाँच लिंकों का आनन्द परिवार की ओर से स्वतंत्रता-दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ।
आइए पढ़ते हैं कुछ चुनिंदा रचनाएँ-
दोहागीत "बन्धक अर्वाचीन में, अपना प्यारा तन्त्र" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
चरखे-खादी ने दिया, आजादी का मन्त्र।
बन्धक अर्वाचीन में, अपना प्यारा तन्त्र।।
देश-भक्ति का हो रहा, पग-पग पर अवसान।
दूर गरीबों से हुआ, खादी का परिधान।।
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हर घर तिरंगा
फहराए 🇮🇳- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
वीर शौर्य गाथा सुने,पथ बलिदान चुने।
शहीदों को श्रद्धा पुष्प,सबही चढ़ाते हैं।
तिरंगे का मान रखें,भारत की शान रखें।
नमन ऐसे वीरों को,सब किए जाते हैं।
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एक ग़ज़ल -यही
हिमालय, तिरंगा ये हरसिंगार रहे
मैं जब भी देखूँ
लिपट जाऊँ पाँव को छू लूँ
ये माँ का कर्ज़
है चुकता न हो उधार रहे
भगत ,आज़ाद औ बिस्मिल ,सुभाष भी थे यहीं
जो इन्क़लाब लिखे
सब इन्हीं के यार रहे
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गंगा विकास की
रही है छलक ,
तकनीक से तरक्की
पा रही है रौनक ,
चांद सूरज में भी
कदम
रख चुके हैं अब ,
क्योंकि है #आजादी का #अमृत।।
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भारतीय स्वतंत्रता के बेहतरीन 78 वर्ष
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
यादगार अंक
आभार
वंदन
सभी आदरणीय को स्वतंत्रता दिवस की अनेकोनेक शुभकामनाएं । देशभक्ति से ओतप्रोत ,
जवाब देंहटाएंसभी संकलित रचनाएं बहुत उम्दा है ।
सभी को बधाइयां ।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सार्थक लिंको का समायोजन 🙏🙏🙏
आप सभी विद्वजनों और साथियों को स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर
स्वतंत्रता दिवस पर सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआज यहाँ प्रस्तुत सभी रचनाएँ विशेष सराहना के लायक है। अप्रतिम।