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मंगलवार, 7 मार्च 2023

तीन छः नौ शून्य ..... बस दो दिन और...फिर बंद हो जाएंगे मुंह सबके, गुझिया और पुआ से

 सादर अभिवादन

राह में जाने कितने
मुसाफिर मिलेंगे
कुछ अपने से, और
कुछ बेगाने से मिलेंगे।
साल का सफ़र है
कभी रंग और कभी
रंगीन तराने मिलेंगे

रंगीन कहानियों को सिलसिला जारी आहे

सखी रंग गुलाल
ले के आ जाना।
न शरमाना
न इतराना॥




मादक पीयुष सी ऋतु  होली
अमराई में कोकिल बोली,
जोश भरा उन्मुक्त हृदय ले
निकली मत्त मुकुल की टोली !




कच्चे रंगों का यक़ीन है बेमानी
जाने कब ये उतर जाए,
राहत ए जां महसूस हो,
यूँ मीठी लफ़्ज़ों की दवा रखिए,



तुम लौटो तो लौटे
बसंत का मौसम
मान मनुहार का मौसम
लौटें रौनकें, रतजगे और
बज उठे फिर उदास पड़ा सरोद




वन वन खोजूँ, मैं रसिया बाग रे
पिया आए तो गाऊँ मैं फाग रे
पिया आए तो गाऊँ मैं फाग रे!
अलबेली लगती तेरी नगरिया
करमन की तो उलझी डगरिया
आशा की थामे इक गठरी
भटक रही है एक गुजरिया
रच रच गाये मन के राग रे!


आज बस
सादर

9 टिप्‍पणियां:

  1. उत्सव के माहोल में
    किसी जबरदस्ती नहीं
    दो दिन मैं भी व्यस्त रहूंगी
    लगता है पुरी जी यात्रा स्थगित
    करनी होगी,वापसी में
    देवघर और जमशेदपुर होते
    हुए रायपुर का कार्यक्रम था
    कार्यक्रम भी ऊपर से बनते हैं
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. फागुन भर फगुआ
    जिन्दगी के हर रंग को स्वीकार कर लेने वाली को बधाई
    उम्दा सामयिक लिंक्स का चयन

    जवाब देंहटाएं
  3. फागुन के रंगों से सराबोर सुंदर प्रस्तुति, सभी को होली की शुभकामनाएँ ! यात्रा के लिए भी मंगलकामना यशोदा जी।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. नहीं जा रहे हैं हम लोग
      एक बच्चे को बुखार आ गया
      कार से जाने वाले थे
      ट्रैवल सिंक से भयभीत हो गए
      कार्यक्रम ऊपर वाला ही बनाता है
      सादर

      हटाएं
  4. होली की सभी को रंगीन शुभकामनाएं, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी रंगारंग हलचल प्रस्तुति
    सभी को रंगपर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. उम्दा चर्चा।
    होली की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं...

    जवाब देंहटाएं
  7. रंगबिरंगी रचनाओं की आकर्षक प्रस्तुति।
    मेरी रचना और चित्र भी।
    बहुत आभार दीदी। होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

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