।।प्रातःवंदन।।
कविता जीवन सत्व है, कविता है रसधार।
घुटनों का दर्द
बहुत परेशान रहता था मैं
अपने घुटनों के दर्द से,
पर जब से पता चला है
कि ऐसा ही दर्द तुम्हें भी होता था,
मुझे अच्छा लगने लगा है .
💮
किसका मलाल है
लगता है उनका, हाल बेहाल है।
अनमन से बोले, अच्छा..
💮
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️
बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बहुत सुंदर पठनीय अंक!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी को चैत्र प्रतिप्रदा एवं नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं
सभी स्नेही बंधुओं को नव वर्ष एंव नवरात्रि पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं 🌷
जवाब देंहटाएंसुंदर आरंभ कथन से आगे बढ़ती शानदार प्रस्तुति, प्रिय पम्मी जी सभी लिंक बहुत आकर्षक पठनीय।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार आपका।
सादर सस्नेह।
नमस्ते पम्मी जी. बहुत सुन्दर प्रस्तुति. भूमिका और रचनाएँ बहुत अच्छे लगे. नवसंवत्सर के लिए शुभकामना.
जवाब देंहटाएं