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बुधवार, 22 मार्च 2023

3705..शब्द के भंडार..कविता..

।।प्रातःवंदन।।

 कविता जीवन सत्व है, कविता है रसधार।

अलंकार, रस, छंद में, भाव खड़े साकार।।
भाव खड़े साकार, कल्पना जाग्रत  होती।
कर देते धनवान, शब्द के उत्तम  मोती।।
'ठकुरेला' कविराय, हरे तम जैसे सविता।
मेटें सब अज्ञान, ज्ञान-सागर सी कविता।।

त्रिलोक सिंह ठकुरेला
संवेदना व भावनाओं को अभिव्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम कविता है।(दिनांक 21मार्च)
विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।इसी के साथ आज शामिल हो खास कविताओं संग✍️

थाह गहरे सिंधु जैसी
उर्मिया मन में मचलती
शब्द के भंडार खोले
लेखनी मोती उगलती...
💮




दूर तक, हद ए नज़र, बस धुआं धुआं सा है,
क़रीब हैं फिर भी, दरमियानी फ़ासला सा है,

पिघलती जा रही है मोम की तरह ज़िन्दगी,
इंतज़ार इक थके हुए अपाहिज कारवां सा है,
💮


अक्सर भूल जाया करते है 

कभी कुछ ,कभी कुछ 

अब मुझको ही ले लो 

 बासठ पार हो गए 

  त्रेसठवां सरक..
💮

घुटनों का दर्द

पिता,

बहुत परेशान रहता था मैं 

अपने घुटनों के दर्द से,

पर जब से पता चला है 

कि ऐसा ही दर्द तुम्हें भी होता था, 

मुझे अच्छा लगने लगा है .

💮

किसका मलाल है

 चुप्पी क्यों साधीकिसका मलाल है

लगता है उनकाहाल बेहाल है।

 हमने तो कह दीबात मन प्रीत की

अनमन से बोलेअच्छा..

💮

।।इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️

5 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया प्रस्तुति
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. जिज्ञासा सिंह22 मार्च 2023 को 7:06 am बजे

    बहुत सुंदर पठनीय अंक!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
    सभी को चैत्र प्रतिप्रदा एवं नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी स्नेही बंधुओं को नव वर्ष एंव नवरात्रि पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं 🌷
    सुंदर आरंभ कथन से आगे बढ़ती शानदार प्रस्तुति, प्रिय पम्मी जी सभी लिंक बहुत आकर्षक पठनीय।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार आपका।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  5. नमस्ते पम्मी जी. बहुत सुन्दर प्रस्तुति. भूमिका और रचनाएँ बहुत अच्छे लगे. नवसंवत्सर के लिए शुभकामना.

    जवाब देंहटाएं

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