निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2022

3552...आज और परसों के मध्य झूलता रहता है किसी लोलक की तरह इंसान...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीय शांतनु सान्याल जी की रचना से। 

सादर अभिवादन। 

गुरुवारीय अंक में सद्यरचित पाँच रचनाओं के लिंक्स के साथ हाज़िर हूँ। 

आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ- 

कब ढलेगी रात गहरी

वेदनाएँ फिर बढ़ी तो 

फूट कर बहती रही सब 

आप ही बस आप का है 

मर चुके संवेद ही जब 

आँधियों के प्रश्न पर फिर

यह धरा क्यों मौन ठहरी।।

बूंद - बूंद ख़्वाब- -

आज और परसों 

के मध्य झूलता

रहता है किसी

लोलक

की

तरह इंसान, 

कोई नहीं परिपूर्ण सुखी यहाँ-

1082-दुआओं का शजर!

चंद्रहार या चांद बालियां


अम्मा झूठ बोलती हैं 

कि चंदा मेरा भाई है,

नहीं जानती रिश्ते-नाते 

के न कोई मानी हैं।

समय नहीं है,काम बहुत है 

मिलने की न बात करो 

चंदा को तुम friend बना लो 

Facebook पर add करो 

और कैसे रोक पाऊँ

टूटता विश्वास पल -पल

हो कहीं,जब जान जाऊँ

स्वप्न धूमिल हो गए सब

प्राण को भी अब गवाँऊ।

*****
फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

5 टिप्‍पणियां:

  1. मूढ़ मति मैं देखती सब,
    वेदना में डूब जाऊँ
    श्रेष्ठ समझूँ स्वयं को मैं
    शीश किसको मैं नवाऊं??
    बेहतरीन
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत शानदार प्रस्तुति सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
    ऊपर की दोनों रचनाएं लिंक तक नहीं खूल रही ।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...