निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

1980...सुरमई-सी तैरती मिहिकाएँ...

 सादर अभिवादन। 

गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। 

आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-

अप्रतिम सौंदर्य...कुसुम कोठारी 


 

वैचारिकी पेंसिलों को 

अपने-अपने

दल,वाद,पंथ के

रेजमाल पर घिसकर

नुकीला बनाने की कला 

 प्रचलन में है,

सुलेख लिखकर

सर्वश्रेष्ठ अंक पाने की

होड़ में शामिल होने वाले

दोमुँहे बुद्धिजीवियों से

किसी विषय पर

निष्पक्ष मूल्यांकन 

और मार्गदर्शन की आशा

हास्यास्पद है।

आवाज़...अपर्णा बाजपेई 

 
देश दूसरा है तो क्या हुआ 

हवाओं ने चुराकर खुशबू तुम्हारे बालों से

मेरी हंथेलियों पर रख दी है,

कहो आज! कितना खूबसूरत है जीवन

तुम्हारी आवाज़ मेरे जीवन का आख़िरी सच है।।

भ्रूणहत्या (कन्या )... जिज्ञासा सिंह 

 
कभी इस जहाँ में मेरा बड़ा सम्मान होता था

जाने किस बात पे यूँ दिल से निकारी गई मैं 

सभी कहते हैं,लड़की एक बोझ होती है 

इस दौर में बन,कर्ज उधारी गई मैं 

किसान आंदोलन, सत्याग्रह और 'चंपारन मीट हाउस'

 
आज १०० साल बाद कितना कुछ बदल गया। सत्याग्रही किसान आंदोलन से लेकर आज के दमघोंटू किसान आंदोलन और सत्याग्रह तथा अहिंसा की पहचान वाला रामचंद्र शुक्ल तथा महात्मा गांधी का चंपारन अब "चंपारन मीट हाउस" वाला चंपारन!

 

आज बस यहीं तक 

फिर मिलेंगे अगली प्रस्तुति में। 

शुक्रवारीय प्रस्तुति के साथ कल आ रही. हैं आदरणीया श्वेता सिन्हा जी। 


रवीन्द्र सिंह यादव  


8 टिप्‍पणियां:

  1. वाह👌👌 शानदार रचनाओं के साथ लाजवाब प्रस्तुति। सभी को प्रणाम और सुप्रभात 🙏🙏सबका दिन मंगलमय हो।

    जवाब देंहटाएं
  2. व्वाहहह..
    स्वागतम्
    कर्मभूमि में..
    आभार..

    जवाब देंहटाएं
  3. रवीन्द्र सिंह यादव जी, नमस्कार ! आपके श्रमसाध्य संयोजन और प्रस्तुतीकरण को नमन है, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपको मेरा आभार..।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत-बहुत आभारी हूँ रवींद्र जी।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत शानदार प्रस्तुति ।
    शानदार लिंक सभी रचनाएं बहुत ही सुंदर।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...