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बुधवार, 2 दिसंबर 2020

1963...मैं सुमन हूँ..

 ।। भोर वंदन ।।

"व्योम के नीचे खुला आवास मेरा;

ग्रीष्म, वर्षा, शीत का अभ्यास मेरा;

झेलता हूँ मार मारूत की निरंतर, 

खेलता यों जिंदगी का खेल हंसकर। 

शूल का दिन रात मेरा साथ किंतु प्रसन्न मन हूँ

मैं सुमन हूँ..."

द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

उपर्युक्त रचनात्मक अभिव्यक्ति के साथ ,
साहित्य और उसके क्षितिज के विस्तार का आंनद ले...✍️

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आ० अमृता तन्मय ...बहिर्अंतस की उन्मत्त अमा है

अभी- अभी पूर्णिमा का चांद 

आकर मुझसे मिला है

अभी- अभी मेरे भी मौन अँधियारे में 

मेरा भी चांद खिला है

आज गगन में फूट रहा है कोई अमृत गागर...

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आ०आकिब जावेद...आप ही अशआर में...

आप ही अशआर में दिखते हों जैसे

हम तस्व्वुर में ग़ज़ल कहते हों जैसे

वो  हमारे  सामने हैं अजनबी से...

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ब्लॉग जिज्ञासा...शेहला रशीद का पारिवारिक विवाद

जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद के पिता अब्दुल रशीद ने सोमवार 30 नवंबर को अपनी बेटी पर
राष्ट्र-विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी जान को अब खतरा है

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ब्लॉग रायटोक्रेट कुमारेन्द्र...

वैवाहिक आयोजनों के अनावश्यक खर्चों पर भी लगे रोक

कोरोना काल की लम्बी समयावधि की प्रशासनिक बंदिश के बाद इधर अब शादी समारोहों,
विवाह आयोजनों का आरम्भ पुनः होने लगा है. इसे लोगों की सक्रियता कहें या फिर
प्रशासनिक सख्ती कि अभी तक वैवाहिक आयोजनों में लोगों 


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आ० अपर्णा वाजपेयी...जरूरत

 किसानों का पसीना, स्त्रियों की उदासी और बच्चों के आंसू,

आज का सबसे बड़ा सच हैं;

और भूख, दुनिया का नवीनतम समाचार!

एक ख़बर जो कभी पुरानी नहीं पड़ती.

जैसे नहीं सूखती है बुजुर्गों के हाथों से...

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कर्णेभिः15-बोफोर्स कांड- डॉ सतीश राज पुष्करणा...


।। इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️


8 टिप्‍पणियां:

  1. सुमन की विशेषता बताती सुंदर भूमिका के साथ सराहनीय लिंक्स की प्रस्तुति !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढियां प्रस्तुति, सामाजिक गतिविधियों की सुंदर जानकारी

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी प्रस्तुति आदरणीया पम्मीजी।

    जवाब देंहटाएं
  4. ये बहुत ही मधुर हलचल ही है जो हमेशा नई रहती है । अति सुंदर सूत्रों के संचयन हेतु हार्दिक आभार ।

    जवाब देंहटाएं

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