निवेदन।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

1677..आज दुष्कर है जीवन, औ प्राण भी

सादर नमस्कार
लीजिए काफी अंतराल के 
पश्चात आज हम हैं..
इच्छा तो होती थी
पर देवी जी को चलायमान और 
व्यस्त रखने के लिए ही
हम अपनी अनुपस्थिति दर्ज करते आ रहे हैं
....
आज की रचनाएं कुछ यूँ है ...

तुम्हें मांगने की
कितनी आदत हो
गयी है न
शीर्ष पर पहुंचने
की होड़ में


जमीन पर बिखरे ये खुश्क पत्ते 
गवाह हैं.. 
शायद कोई आंधी आई थी 
या खुद ही दरख्तों ने 
बेमौसम झाड़ दिया उन्हें 
जो निरर्थक थे, 
कौन रखता है उनको 
जो बेकार हो जाते हैं 


अपनी दिनभर की दिनचर्या में रोज ही ऐसे कई युवा मिल जाते हैं जो निढाल, निस्तेज, सुस्त नजर आते हैं। जैसे जबरदस्ती शरीर को ढो रहे हों। अधिकांश नवयुवकों को किसी ना किसी व्याधि से ग्रस्त दवा फांकते देखना बडा अजीब लगता है। आज के प्रतिस्पर्द्धात्मक समय में हर तीसरा व्यक्ति किसी न किसी समस्या से जुझता हुआ किसी यंत्र की कसी हुई तार की तरह हर वक्त तना रहता है। जिसके फलस्वरूप देखने में बिमारी ना लगने वाली, सर दर्द, कमर दर्द, अनिद्रा, अपच, कब्ज जैसी व्याधियां उसे अपने चंगुल में फंसाती चली जाती हैं,


मेहंदी ...अनीता सुधीर
बड़ी जद्दोजहद हुआ करती थी
तब हिना का रंग चढ़ाने में,
हरी पत्तियों को बारीक पीसना
लसलसे लेप बना कर
सींक से आड़ी तिरछी रेखाओं को उकेरना ,
फूल,पत्ती ,चाँद सितारे ,बना उसमें अक्स ढूंढना
मेहंदी की भीनी खुश्बू से सराबोर हो जाना ।


बस जरा सी बात इतनी 
सुख की चादर ओढ़ मन पर 
खोये हैं हम 
सोये हैं हम !
एक सागर रौशनी का 
पास ही कुछ दूर बहता 
पर तमस का आवरण है 
....
अब विषय भी बता दें
एक सौ आठवाँ विषय
वेदना
उदाहरण

चित्कारती वेदना, भ्रमित अविचल,
सृजन में संहार है, हर एक पल ।
खण्डित आशा रोती, संत्राण भी ,
आज दुष्कर है जीवन ,औ प्राण भी।।
रचनाकार कुसुम कोठारी

अंतिम तिथिः 22.02.2020
प्रकाशन तिथिः 24.02.2020
सम्पर्क फार्म द्वारा
सादर





7 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर प्रस्तुति. हम-क़दम का गंभीर विषय. सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह बेहतरीन रचनाओं का संगम।

    जवाब देंहटाएं
  3. देर से आने के लिए खेद है, सुंदर प्रस्तुति ! शुभकामनाएँ व आभार !

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...