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गुरुवार, 2 मई 2019

1385...ठहरी हवा गुमसुम पंछी खिला गुलमोहर

सादर अभिवादन। 

है 
धूप 
तपन 
प्यासे प्राणी 
ठहरी हवा 
गुमसुम पंछी 
खिला गुलमोहर। 

हैं   
पंछी  
पथिक
थके-हारे 
छाया घनेरी 
हवा से हिलते  
कोमल किसलय। 
-रवीन्द्र 

आइये अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-


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ई- टेंडर ने
कर दिया,
टेंडर फिक्सिंग
गोल।
'बेंच-फिक्सिंग'
रह गया
बिन तोल के
मोल।



कभी सूरज ने 
झुलसाया तन-मन 
जला डाला निवाला 
लू के थपेड़ों में चपेट 
भूख-प्यास ने मार डाला 
समझ न पाए 
क्यों जमाना 
इतना क्रूर! 
सबके करीब 
सबसे दूर 
मजदूर! 



गली मुहल्ले शहरों को
क्लीन सिटी बनाते
गटर साफ करते,कड़कती धूप में
सड़कों पर चारकोल उड़ेलते,
कल कारखानों में हड्डियाँ गलाते
संकरे पाताल खदानों में
जान हथेलियों पर लिए
अनवरत काम करते मज़दूर



मैंने कोई क़सम नहीं खाई बस ट्रांजिस्टर उनके सामने रख दिया. हिंदी समाचार चल रहे थे राजनारायण का जीवन परिचय चल रहा था और यह बताया जा रहा था कि विश्व इतिहास में एम. पी. का चुनाव हारने वाली पहली प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी हैं.


My photo

बात उन दिनों की है जब मैं छठी कक्षा में पढती थी । हम एक संयुक्त परिवार में रहते थे । स्कूल के लिए हमें घर से टिफिन मिलता था जिसमें पराँठा और अचार मिलता था रोज ही । हमारे स्कूल के अंदर एक चाट के ठेले वाला भी आया करता था ,जो समोसे ,पापड़ी चाट लाता था ,चवन्नी मेंं मिलती थी एक प्लेट । बहुत सी लडकियां खाने की छुट्टी में ठेले के इर्दगिर्द खडी होकर मजे ले कर खाया करती थी ।मन तो हमारा भी बहुत करता था ,पर हमें तो बस पराठे आचार से ही संतोष करना पडता था ।

हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए

आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरुवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

13 टिप्‍पणियां:

  1. शूभ प्रभात..
    बेहतरीन प्रस्तुति..
    आभार...
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया संकलन के साथ वर्ण पिरामिड और भी बढ़िया..
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह!!रविन्द्र जी ,बहुत खूबसूरत प्रस्तुति । मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत शानदार प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  6. ऋतु के अनुरूप बहुत सुंदर वर्ण पिरामिड लिखा है आपने रवींद्र जी..।
    सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है ..बढ़िया लिंक संयोजन।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत आभार।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन प्रस्तुति सर ,सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय रवींद्र जी___ बेहतरीन लिंको के साथ सुंदर, पठनीय अंक। बहन शुभ जी की लघुकथा बहुत मन भाई। सभी रचनाकारों को सप्रेम शुभकामनाएं और बधाई। आपको भी सार्थक सूत्र संयोजित करने हेतु हार्दिक शुभकामनाएं। सादर

    जवाब देंहटाएं
  9. शानदार प्रस्तुति करण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  10. सुन्दर
    रचनाओं की
    छाया घनेरी में
    हवा से हिलते
    कोमल किसलय से
    पांच लिंकों की सुन्दर प्रस्तुति!

    जवाब देंहटाएं

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