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शनिवार, 26 जुलाई 2025

4461 ...सावन की है हलचल मन मेरा डोले

 सादर अभिवादन


गीतिका छन्द


ऐ बसन्ती पात पीले, हाथ पीले मैं चली,
बिछ गई रौनक सजीली, है छबीली हर कली ।

आम पर नव बौर आई, ठौर पाई रीत की,
रात कोयल गुनगुनाई, राग डोली प्रीत की ।

आ गए राजा बसन्ती, क्या छटा रस रूप की
मैं निराली संग हो ली, चिर सुहागिन भूप की ।

नाम मेरा सरस सरसों, बरस बीते मैं खिली,
देख निज राजा बसन्ती, पुलकती फूली फली ।

अब हवा में छैल भरती, गैल भरती नेह की,
ज्यों बढ़ाती धूप नन्दा, नव सुगन्धा देह की ।

रात भर चलती बयारें, टोह मारे बाज सी,
प्राण सेतू बह्म सींचें, आँख मींचे लाज सी ।

देस धानी प्रीत घोले, मीत बोले नैन में,
तन गुजरियाँ राह चलतीं, ढार मटकी चैन में ।

त्योंरियाँ छैला गुलाबी, यों चढ़ाता मान से,
धार से काँकर बजाता, मोह लेता गान से ।

और भी है... वो भी आएगा पर शैनेः शैनेः




सावन के महीने में आने वाली हरियाली तीज इस बार 27 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी. इस दिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां निर्जला व्रत रख कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करेंगी. इस व्रत को रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन पर माता पार्वती भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है.

       द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। साल 2025 में 26 जुलाई को देर रात 10:41 मिनट से लेकर 27 जुलाई को देर रात 10:41 मिनट तक शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 27 जुलाई 2025, वार रविवार को हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा।






नजदीकियों को
कर दिया दूर
बढ़ा दिया
दूर वाला प्यार
मोबाईल फोन ने
इतना किया उपकार






छोड़ गए पितृ सभी, जीवन भर की फंचियाँ,
उनकी फंचियों पर कब तक बसर किया जाय।


​हँसते मुस्कुराते जो वक़्त कट रहा अच्छा है,
बेवक़्त का रोना, किसी के लिए क्यों रोया जाय






यह पुस्तक मुख्य रूप से शासन से जुड़े किरदारों, समाजशास्त्रियों और सबसे जरूरी आज के युवा वर्ग के लिए पठनीय और संग्रहणीय भी है। सोचने और समझने का भाव जगाने वाली इस पुस्तक के लिए शिवदयाल जी को हार्दिक बधाई !!!





सावन की है हलचल
मन मेरा डोले
ढूँढे तुझको हर पल।





वर्षा की बूंदें
धरा में गिरते ही
अपना अस्तित्व
बदल देती है।

बूंदें अर्पित करती है
अपना अस्तित्व


आज बस
सादर वंदन

6 टिप्‍पणियां:

  1. मनभावन श्रावणी हलचल । हार्दिक बधाई और सादर आभार।🙏🏼

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन अंक.. हार्दिक शुभकामनाएं सभी रचनाकारों को 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. बूंदें अर्पित करती है
    अपना अस्तित्व
    सुंदर

    जवाब देंहटाएं
  4. सावन की सरसाती बूँदों सा सुंदर अंक, शुभकामनाएँ !

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर लिंक संजोये हैँ आपने, मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार दिग्विजय जी, 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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