।।प्रातःवंदन।।
"तेरी साजिश में कुछ कमी है अभी
मेरी बस्ती में रौशनी है अभी
चोट खाकर भी मुस्कुराता हूँ
अपना अंदाज़ तो वही है अभी
हस्तीमल हस्ती
जिंदगी इन्हीं साजिशों के बीच कुछ पल बिताइए सुकून के चुनिंदा लिंकों पर..
हरे धनिए का डिब्बा खोला तो देखा काफी सड़ा पड़ा था। मेरी त्योरियाँ चढ़ गईं। कल ही तो आया था, गुड्डू से कहा था, जा भागकर एक गड्डी हरा धनिया ले आ।सोचा दस- बीस का होगा , लेकिन सब्जी वाला निकला महाचतुर, बच्चा समझ कर सौ का नोट धरा और मोटी सी गड्डी हरे धनिए की थमा दी।
"बताओ फ्री में मिलता है, सौ का नोट रख..
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•एक उचाट सा मन लिए
कोने कोने घूमता हूँ
मैं गैटविक हवाई अड्डा
हर गुज़रने वाले चेहरों मे
ए आई वन सेवन वन के यात्रियों को खोजता हूँ..
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"पहाड़ों की गोद में बसा एक दिल "
रानीखेत….रानीखेत से यूँही कुछ 20 किलोमीटर की दूरी पर एक गाँव है सौनी, वही सौनी जिसकी हर एक ईंट पर स्वर्गाश्रम बिनसर महादेव का आशीर्वाद है।
जहाँ हवा में ठंडक और स्मृतियों में गर्माहट बसती है, इस गाँव ने देश को अच्छे इंजीनियर, डॉक्टर , सरकारी अधिकारी और शिक्षक दिए है।
गाँव की शुरुआत की पहली इमारत ही शिक्षा का मंदिर है। एक सरकारी स्कूल जहाँ मेरी माँ ने अपने जीवन के कई साल सहायक अध्यापक के तौर पर दिए है।
इसी प्राइमरी स्कूल के एक छोर पर है आँगन बाड़ी..
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ऐनक की खोज में नज़र खो आए हम,
बंजर ज़मीन थी या खोखले बीज,
मुद्दतों से तकते रहे कोई अंकुर
तो उभरे सुबह की नरम
धूप में, उम्मीद का
पसारा ले कर..
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह ' तृप्ति '...✍️
चोट खाकर भी मुस्कुराता हूँ
जवाब देंहटाएंअपना अंदाज़ तो वही है अभी
सुन्दर शुरुआत
आभार
सादर
दिल में जो मोहब्बत की रौशनी नहीं होती
जवाब देंहटाएंइतनी ख़ूबसूरत ये ज़िंदगी नहीं होती
दोस्त पे करम करना और हिसाब भी रखना
कारोबार होता है दोस्ती नहीं होती
ख़ुद चराग़ बन के जल वक़्त के अँधेरे में
भीक के उजालों से रौशनी नहीं होती
शायरी है सरमाया ख़ुश-नसीब लोगों का
बाँस की हर इक टहनी बाँसुरी नहीं होती
खेल ज़िंदगी के तुम खेलते रहो यारो
हार जीत कोई भी आख़िरी नहीं होती
सभी रचनाएं अतुलनीय हैं मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार ।
जवाब देंहटाएंअहमदाबाद टू लंदन का लिंक नहीं लगा है |
जवाब देंहटाएंतेरी साजिश में कुछ कमी है अभी
जवाब देंहटाएंमेरी बस्ती में रौशनी है अभी....
बेहतरीन अंक 🙏