सादर अभिवादन
धर्म कोई भी ना होता, देशधर्म ही होता धर्म एकमात्र
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सादर अभिवादन
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इस मंच के माध्यम से अटल जी की जयंती पर उनको सादर नमन ।🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बेहतरीन ।
गलतियों के लिए क्षमा
हटाएंआभार
सादर नमन
एक सादगी भरा सुन्दर अंक प्रिय दीदी ।यीशु के नाम बड़ा दिन अपने आप में बहुत अनूठा है।उम्मीदों की जादुई पोटली लिये सांता क्लाज़ प्यार और आशीष बांटता है।एक तरफ दुनिया बारूद के ढेर पर बैठी अनचाहे युद्ध अपनी छाती पर झेल रही है दूसरी ओर युद्ध के यीशु का अमर संदेश --- ' ईश्वर इन्हें क्षमा करना- ये नहीं जानते ये क्या कर रहे हैं '
जवाब देंहटाएंयही है पुण्यात्माओं की उदारता।आज समस्त ब्लॉग जगत को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।अटल जी की स्मृति को सादर नमन ।उनके उदार विचार और शिष्ट राजनीति भावी पीढ़ीयों के लिए अनुकरणीय रहेंगे।नव वर्ष नजदीक है।जो आशाएँ विदा लेता वर्ष ना पूरी कर सका वह आगत वर्ष में पूरी हों यही कामना है।।हार्दिक आभार इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए।एकदम सही 🙏
आभार
हटाएंआलेख नुमा प्रतिक्रिया हेतु
सादर
आज के महत्वपूर्ण दिन पर सुंदर प्रस्तुति। आदरणीय अटल जी को सादर नमन👏
जवाब देंहटाएंक्रिसमस पर्व पर सभी को बधाई🎇🎆🎉🎊
पच्चीस दिसंबर को जिनका जन्म होता है
जवाब देंहटाएंवो सचमुच विलक्षण होता है
उसके लिए एक नमन तो बनता है
सादर
उत्कृष्ट लिंको से सजी शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक पढ़कर कल ही प्रतिक्रिया यहाँ भी की थी दिख नहीं रही...खैर..
भूमिका में ईशू और क्रिसमस की सुन्दर जानकारी एवं अटल जी की मधुर स्मृति ने प्रस्तुति को और भी रोचक बना दिया ।