निवेदन।


फ़ॉलोअर

शनिवार, 10 दिसंबर 2022

3603... मानव

       हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...

मानव अधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। मानवाधिकारों की पहली वैश्विक घोषणा और नए संयुक्त राष्ट्र की पहली प्रमुख उपलब्धियों में से एक, मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अंगीकरण और उद्घोषणा का सम्मान करने के लिए तिथि का चयन किया गया था।

मानव  जीवन जो हमें यह मिला, 

प्रकृति का यह सर्वोत्तम उपहार ।

हम जीवन को चार चाँद लगा दें,

चाहे जितना हम पाल लें विकार ।।

जीवन हमारा जितना सुंदर होगा,

उतना ही सुंदर होगा यह संसार ।

मर रही है मानवता

रिश्ते भी हैं खो रहे

संवेदनाएँ कुँभकर्णी 

नींद के आग़ोश में हैं।

मानव जैसे मानव रहा ही नहीं

कदम दर कदम,

लगातार

अतीत के अनुभवों का ले सहारा,

अपने को सुधारा,

अपने रूप को सँवारा।

हम मानव जो कभी झूलते थे

पेड़ों की शाख से,

कभी रहते थे

कंदराओं, गुफाओं में।

आदि मानव मैं –

आदिम – सदियों से

सदियों तक।

अवसर ही ना मिला

सभ्य होने का ।

चढा मुखौटे सँवारता रहा

बस अपने आपको।

>>>>>><<<<<<
पुनः भेंट होगी...
>>>>>><<<<<<

5 टिप्‍पणियां:

  1. मानव तो है अब भी
    पर मानवता ने दानवता कि चोला ओढ़ लिया है
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  2. अरे वाह! मानव और मानवता के सरंक्षक, मानवाधिकार आयोग हैं।यूँ सरल शब्दों में कहा जाए हर इन्सान को जीने का अधिकार है।सभी रचनाकारों को सादर नमन 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. मेरे ब्लॉग क्षितिज से कुछ पंक्तियाँ मेरी भी
    *---*----*
    पावन , निर्मल प्रेम सदा ही
    रहा शक्ति मानवता की ,
    जग में ये नीड़ अनोखा है ,
    जहाँ जगह नहीं मलिनता की ////
    🙏🙏🙏🙏🙏🎉🌺🌹🌹

    जवाब देंहटाएं
  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...