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शुक्रवार, 9 सितंबर 2022

3511 ..आओ अब अतीत में झाँकें

सादर अभिवादन
सखी श्वेता अस्वस्थ हैं
इसलिए
आज गेंद मेरे पाले में फिर से

नदियां बांधी,
जंगल काटे
धरती खोदी,
पर्वत छांटे
जैसी करनी-
वैसी ही भरनी
हम सबकी है ये
गलती अपना
प्रतिशोध प्रकृति का है
ये वज्राघात
देखी न सुनी,
ऐसी बरसात
चलिए रचनाएं देखें
.......



लिख दिया तक़दीर में,
ख़ुदा ने जो भी हमारे।
नमाज़ में दुआओं के,
हम सब उसके सहारे।




मर्यादाएं झुलस रही हैं,
सीमाएँ सब टूट रहीं हैं।
कब तक मौन रहेगा मुख पर,
घुटती साँसें पूछ रहीं हैं।




दिनभर कई बार
फैलाता हूं अपनी हथेलियों को
बेहतर गुजरे दिन की दुआ
मांगने नहीं
धूल से सने पसीने को
पोंछने के लिए
और उसके लिए
जिसके बिना
अधूरा है
जीवन का चक्र





हर जाति धर्म के मध्य गहन खाई ,  
निर्धनता अधिकारों से वंचित हो |
वह देश छुयेगा नील गगन कैसे ,
हर प्रतिभा प्रतिबंधों से बाधित हो |
जो धरा स्वार्थ लिप्सा में सब डूबी , 
उसका प्रभात तुम कोहरे में समझो |




आओ   अब   अतीत   में   झाँकें...
आधुनिकता   ने   ज़मीर
क्षत-विक्षत    कर   डाला   है.

भौतिकता   के   प्रति  
यह   कैसी   अभेद्य   निष्ठा
दर्पण   पर   धूल
छतों   पर   मकड़ी    के   जाले
कृत्रिम   फूल-पत्तियों    में  
जीवन  के   प्रवाह  का  अन्वेषण.

......
आज गणपति जी विजय करेंगे,
पूजन हेतु रखी छोटी मूर्तियां सुबह ही हवनोपरान्त
विसर्जित कर दी गई थी अगले साल फिर आना यह वादा लेकर

आज बस
सादर


7 टिप्‍पणियां:

  1. शुभप्रभात
    बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार आदरणीया सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. पर्यावरण पर विशेष भूमिका के साथ सभी लिंक्स बेहतरीन लगे । आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छा लगा यह अंक | सभी रचनाएँ सुन्दर और कई बार पढने जैसी हैं | आपका प्रस्तुति करण भी वास्तव में बहुत सराहनीय है |

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी भूमिका के साथ सुंदर लिंक संजोय हैं
    साधुवाद आपको
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार आपका

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. सखी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना। बहुत सुंदर लिंक।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर प्रस्तुति.। श्वेता शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करे ..यही कामना है ।

    जवाब देंहटाएं

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