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शनिवार, 11 सितंबर 2021

3148... हिन्दी दिवस पखवाड़ा

     

हाज़िर हूँ...! उपस्थिति दर्ज हो...

हिन्दी दिवस

एक दिन का क्यों, साप्ताहिक क्यों, पखवाड़ा क्यों, माह क्यों... गिलहरी प्रयास

'परीक्षा गुरू' हिन्दी का प्रथम उपन्यास था जिसकी रचना भारतेन्दु युग के प्रसिद्ध नाटककार लाला श्रीनिवास दास ने 25 नवम्बर,1882 को की थी। पूर्ण प्रकाश चंद्रप्रभा" को हिंदी चंद्रप्रभा" को हिंदी" को हिंदी का प्रथम उपन्यास किस लेखक ने माना है-

हिंदी (खड़ी बोली) की पहली कविता प्रख्यात कवि 'अमीर खुसरो' ने लिखी थी. * 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक वोट से यह निर्णय लिया कि 'हिंदी' ही भारत की राजभाषा होगी। गीतिकाव्य शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग -लोचन प्रसाद पांडेय ने कुसुमनमाला की भूमिका में

भारतेन्दु के पूर्ववर्ती नाटककारों में रीवा नरेश विश्वनाथ सिंह (१८४६-१९११) के बृजभाषा में लिखे गए नाटक 'आनंद रघुनंदन' और गोपालचंद्र के 'नहुष' (१८४१) को अनेक विद्वान हिंदी का प्रथम नाटक मानते हैं। अनेक सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं से संबद्ध कुछ अच्छे स्थायी रंगमंच बने हैं, जैसे थिएटर सेंटर के तत्त्वावधान में दिल्ली, बंबई, कलकत्ता, इलाहाबाद, हैदराबाद, बंगलौर, शान्तिनिकेतन आदि स्थानों पर स्थायी रंगमंच स्थापित हैं।

हिन्दी का पहला यात्रा-वृत्त "सरयू पार की यात्रा" है। इसका रचनाकाल 1871 ई. है। इसके रचनाकार या लेखक "भारतेन्दु हरिश्चन्द्र" हैं। अन्तर्जाल पर स्थित ब्लॉगों पर लिखे गये यात्रा-वृत्त को हम आज के सन्दर्भ में क़तई उपेक्षित नहीं कर सकते।

हिंदी की इस प्रथम फिल्मी पत्रिका के संपादक श्री लेखराम थे। यह साप्ताहिक थी और इसका मूल्य दो पैसे था। फिल्मों का इतिहास अधिक पुराना नहीं है, उसी प्रकार फिल्मी पत्रकारिता का इतिहास भी बहुत पुराना नहीं है।

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पुन: भेंट होगी...
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