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मंगलवार, 30 अगस्त 2022

3501 बेजुबान मीनार को मात्र तेरह सेकेण्ड में खत्म किया जा सकता है

सादर अभिवादन

आज हर तालिका तीज है
व्रत तो नहीं रखती
दवाइयां खानी पड़ती है
पर व्रतियों की सेवा-चाकरी
का सौभाग्य प्राप्त होने से ही
मुझे व्रत का फल मिल जाता है
विदा अगस्त 2022

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न मुंसिफ बेईमान था।
बस मीनार बेजुबान था।




कभी माँ की गोद तो बहन की दिला जाते हैं उसके कंगन
न जाने क्या क्या दिखा जाते हैं उसके कंगन



पेड़ उन दिनों चल ही नहीं सकते थे बल्कि आदमी की तरह दौड़ भी सकते थे। असलियत में, वे वो सारे काम कर सकते थे जो आदमी कर सकता है।

 'इलपमन' नाम की एक जगह थी।  मनोरंजन की जगह थी। पेड़ और आदमी वहाँ नाचते थे, गाते थे, खुब आनन्द करते थे। वहाँ वे भाइयों की तरह हँसते-खेलते थे।




राजस्थान घूमने आए सैलानी
कवि-लेखक भी मुग्ध हो
कविता-कहानियाँ लिखते हैं
पानी के मटके लातीं औरतों की
फोटो निकाली जाती है



गुंजित वर्षा काल में बाग
कोकिल के मधुरिम गीतों से,
अंतर उपवन सदा महकता
ब्रह्म कमल की मृदु सुगन्ध से !


तेरह सेकेंड में खत्म किया जा सकता है ...


आखिर दिल्ली के बेहद नजदीक, उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93-A  में, 102 मीटर ऊँचे, दबंगई, भ्रष्टाचार, रसूख, धनबल के प्रतीक जुड़वां टॉवरों को जमींदोज कर ही दिया गया ! संरचना में दो जुड़वां टॉवर बने हुए थे, जिनमें एक की ऊंचाई 102 मीटर और दूसरे की 95 मीटर थी ! 32 मंजिला इस इमारत को बनाने में करीब तेरह साल का समय, सैंकड़ों कर्मियों का योगदान तथा तकरीबन 300 करोड़ रुपये खर्च हुए थे ! केस वगैरह ना होते तो आज इसकी कीमत 1000 करोड़ के आस-पास होती !

आज बस
सादर

12 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर प्रस्तुती प्रिय दीदी।रिन्की जी की लोककथा बहुत रोचक लगी।सच में ,अगर यह सच है तो इन्सान की कृतघ्नता ने चल वृक्षों को अचल बनने पर मजबूर कर दिया। ये बात विचार करने वाली है कि कहीं मानव की इस प्रवृति के चलते पेड़ धरती से गायब ना हो जाएँ! और ट्विन टावर्स प्रकरण ने सबको हिला कर रख दिया है।सब लिख रहे हैं,कोई छोटा कोई बड़ा!।गगन जी का लेख पठनीय और।सभी रचनाकारों को सादर नमन! आपको आभार और प्रणाम 🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. प्रिय दीदी,हमकदम को दुबारा लाने का जिक्र हुआ था कुछ दिन पहले।क्या वह उपक्रम दुबारा नहीं ला सकते हैं मंच पर?।🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रिय दीदी,मुझे लगता है कि इस बार हमकदम को मासिक अंक के रूप में शुरु होना चाहिये।उसी पुराने स्टाइल में,किसी एक विषय पर काव्य रचना के तौर पर 🙏🙏

      हटाएं
    2. आभार,
      परिषद में विचार हेतु रख रहे हैं
      सादर

      हटाएं
  3. बहुत ही सुंदर संकलन आदरणीय दी। मेरे सृजन को स्थान देने हेतु हृदय से आभार।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. हमें पता नहीं था इस ब्लाग के विषय में. हमारे ब्लॉग गृह-स्वामिनी पर आप की टिप्पणी पढ़कर हम इस ब्लॉग पर आए. अच्छी-अच्छी रचनाएं यहां पर पोस्ट की जाती है. हम भी यहां अतिथि पोस्ट लिखना चाहते हैं.

    जवाब देंहटाएं
  5. कुछ व्यस्तता के चलते अभी खत्म किये सारे लिंक्स । आभार ।।

    जवाब देंहटाएं
  6. दी मेरी रचना को अपने मंच पर स्थान देने के लिए बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं

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