निवेदन।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 23 अगस्त 2022

3494 ..भूल जाए गुस्ताखियाँ,ज्यूँ हुई ही ना हों

 सादर अभिवादन

रचनाएं तलाश रही थी
कुछेक ब्लॉगर महीनों लिखते है
और एक साथ ब्लॉग मे पोस्ट कर देते है
स्क्रॉल करते रहो
दूसरे का लिखा मिलता ही नहीं
भूषण कविराय लगातार मैथिली भाषा की
बीस कविताए-आलेख-व्यंग्य पढ़वा दिए
उसके बाद मनोरमा में श्यामल सुमन जी हाजिर
लगभग दस रचनाएँ..

जो मिली वो प्रस्तुत है
रचनाएँ देखें ...




नेहरू जी!
गुरु जी!

मोदी!
केजरीवाल!

इडली!
पराठा!

रोटी!
बोटी!

पेप्सी!
लस्सी!




बहियाँ पकड़ कान्हा साथ चलूंगी,
बनके बसुरिया मैं रोज बजूँगी,
तुम जमुना किनारे आना,
मैं गउअन बहाने देखूँ ॥




यह पौधा कई बीमारियों में रामबाण का काम करता है। शरीर में पित्त दोष, पेट की गर्मी को दूर करने के साथ ही यदि शरीर के किसी हिस्से में मोच आ गई है तो इसकी पत्तियों का अर्क बनाकर प्रभाविक जगह पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है। इसका साग खाने से मलेरिया रोग ठीक और शरीर की जकड़न भी ठीक होती है, क्योंकि यह मरीज के लिए एंटीबायोटिक और एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। इसका  बीज से कैंसर की दवा बनाई जाती है। आजकल लोग इसका साग भात के साथ भी खाते हैं।



आज...अभी...इस वक़्त मैंने उदासी से झगड़ा कर लिया है. देर तक रो चुकने के बाद, देर तक चुपचाप छत ताकते रहने के बाद सूनी आँखों से उदासी को झाड़ दिया है...अब वहां एक स्याह दुःख है. जानती हूँ यह आसानी से जाने वाला नहीं.



झूठ को सच,सच को झूठ बना दे
खुली आँखों को नया ख़्वाब दिखा दे
भूल जाए गुस्ताखियाँ,ज्यूँ हुई ही ना हों
ऐ ख़ुदा इतना बेग़ैरत, बेज़ार बना दे


आज बस
सादर

8 टिप्‍पणियां:

  1. कभी भोपाल आना जाना हुआ तो कंडाली लाना होगा

    एक से बढ़कर एक उम्दा लिंक्स का चयन
    साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉगपोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन प्रस्तुति में...
    प्रमोद जोशी जी की संवाद बारास्त सोशल मीडिया पर रोचक रचना ।
    कविता रावत जी की कंडाली के विषय में उपयोगी जानकारी।
    प्रतिभा कटियार जी का यथार्थपूर्ण चिंतन ।
    आशा ढौंढियाल जी की सुंदर रचना वैचारिकी
    ... पठनीय और ज्ञानवर्धक जानकारी से भरपूर अंक । मेरा गीत शामिल करने के लिए आपका आभार आदरणीय दीदी 🌹🌹👏👏

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...