सादर अभिवादन
लंच के बाद जब यात्रा फिर आरम्भ हुई तो कुछ लोग अंताक्षरी खेलने लगे। एक व्यक्ति किशोर कुमार के प्रशंसक थे, उन्होंने अनेक पुराने गीत सुनाकर समां बांध दिया, तब तो सभी में एक से बढ़कर एक पुराने गाने गाने की होड़ लग गई। कन्नड़ और हिन्दी दोनों ही भाषाओं में गीतों का सिलसिला चलता रहा, तब शाम की चाय का समय हो गया था। जिसके बाद नियमित संध्या करवाई गई, जिसमें नरसिंह भगवान का कीर्तन व महामंत्र का जाप हुआ।उसके बाद माधवानंद जी ने रामायण पर एक प्रश्नोत्तरी भी करवायी। जिससे इस महाकाव्य के बारे में सभी का ज्ञान बढ़ा।इस तरह आनंद पूर्वक समय बिताते हुए हम कोलंबो पहुँच गये। आज दिन में कोलंबो दर्शन करके रात को प्रेमदासा हवाई अड्डे पहुँचना है।जहाँ से रात्रि एक बजे की उड़ान से हम भारत पहुँच जाएँगे।



सुंदर प्रस्तुति। आभार।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
शुभ संध्या!! दिसंबर कल आने वाला है, अग्रिम शुभकामनाएँ, सुंदर अंक, 'मन पाये विश्राम जहां' को आज के अंक में स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार यशोदा जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
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