आज तीसरा दिन नवम्बर का
और तीसरा ही दिन
राज्योत्सव का भी है
रचनाएं देखिए
अंत में द्खिए
कुछ ताजी त्रिवेणी
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आँधी का इरादा लगता है, बादल भी गरजते हैं नभ पर,
मंज़िल पे कदम अब रखना है, आनी है जो मुश्किल आ जाए.
जाहिल हो के काबिल या फ़ाज़िल, कामिल हो के हो चाहे बिस्मिल,
चौबन्द रहे नाकेबंदी, इस बार जो क़ातिल आ जाए.
मैं महान हूँ,
न जाने कितने काम जो दो लोग
मिलकर करते हैं ,
जो कई लोग मिलकर करते हैं
उन सबको मैं अकेले कर लेती हूँ,
मैं महान हूँ
मुझे सारे रिश्ते निभा लेने हैं,
सब सुन लेना है सब सह लेना है,
क्या हम अंदर से ही मर चुके
नफरत और द्वेष में हम सब
यूँही ख़त्म हो जायेंगे हम
मुर्ख, अपने ही पैर मारे कुल्हाड़ी
मगर ज़िन्दगी? पीढ़ी दर पीढ़ी
क्या सीख हैं आनेवाले कल को
ख़त्म करो सभी को सत्ते के लिए
सर्द दिनों की रूहानी आहटलिए मौसम का रुख बदला हैसिमटा - सिमटा दिनगुलाबी ठंडक लिएसूरज आसमाँ के पट परखिलने लगे गुलाबमंजरी पर पुलकित पुष्पबिखरने लगी सुंगधि सुवासकरती शीतल शरद का स्वागत
मन के अंधियारे
दूर भगाओ ।
दीप जलाओ ।
देव जागे,
तुम भी जागो !
अपने भीतर झांको !
"बिछड़े तो फिर कभी नहीं मिलेंगे "
ठाकुरजी की कसम संग खायी थी हमने
बस इसी वास्ते फेसबुक पर फोटो देख
दिन भर उसकी "वाल "के चक्कर भी
लगा लेती हूँ कई -कई दफ़ा पर
"फ्रेंड रिक्वेस्ट "कभी नहीं भेजी
एक दूसरे को हमने ,
" प्रेम में कसम तोड़ना पाप होता है "
एक बार कहा था उसने
दूसरे ने एक पल सोचा फिर उसने भी अपना हथियार अपने कपड़ों में छिपा लिया।
अब पहले ने भी अपना हथियार अपने थैले में रख लिया।
दोनों एक-दूसरे के बिल्कुल नज़दीक से गुज़रे।
‘‘तू बच गया...!’’-पहला बोला।
‘‘तू भी।’’-दूसरा भी बोला।
गली के सिरे पर जाने पर दोनों एक-दूसरे की तरफ़ मुड़े।
‘‘यूँ बाक़ी भी बच सकते थे न!’’-पहले के मुँह से अचानक निकला।
दूसरे ने सिर झुका लिया।
खूब चला दौड़ा खूबगया पर कहीं नहींआत्मा नहीं अहम् था !!*****
आज बस
वंदन
सुंदर हलचल … आभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए
जवाब देंहटाएंसुप्रभात!! आज तो पाँच की जगह आठ रचनायें हैं, यानि तीन बोनस में, भारत की महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप अपने नाम कर लिया है, सभी को बधाई, 'मन पाये विश्राम जहाँ' को स्थान देने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंलगातार तीन दिन चुनना पड़ता है न कभी कम रभी ज़्या ता हो जाता है
हटाएंफ़ायदा हमारा है !
हटाएंसुन्दर हलचल... सभी रचनाये बेहतरीन हैं और सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर , बोनस के तो क्या ही कहने ...लजबाव
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंविविध रंग । सुंदर संयोजन ! हार्दिक धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंकल का दिन था ही कुछ ख़ास !
मेहनत पर दृढ़ हुआ विश्वास !
किसी दिन फलती है यूँ ही आस !
हम भी कर रहे हैं जागने का प्रयास !
आभार मान्यवर 🙏
जवाब देंहटाएंनवीन सी चतुर्वेदी
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