आपसभी का हार्दिक अभिनन्दन।
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आज की रचनाएं-
पीड़ा का मैग्मा - और आसन्न विस्फोट
कॉलेज के अंतिम वर्ष की छात्रा निशा कहती है - “ आज की जनरेशन पुरानी बातों में यकीन नहीं रखती है. हमारे माता पिता समझते ही नहीं है कि शादी ही जीवन का आखिरी विकल्पं नहीं है ,यदि हम अपने पार्टनर से खुश नहीं है तो तलाक ले सकतें हैं, समझौता क्यों करें. आजकल डेटिंग ऍप उपलब्ध है. डेट करना बहुत नार्मल सी बात है. हम किसी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी पूरी जिंदगी नहीं गुजार सकतें है इसीलिए एक दूसरे को समझने के लिए डेट करते हैं. यदि हमारे विचार आपस में मिले तो ठीक है नहीं तो अपनी राहे अलग कर लो.
साढ़े नौ बजे हम एक फेरी से नागमणि अथवा नागपूष्णी मंदिर (इंद्राक्षी देवी) देखने गये। जो नैनातिवू द्वीप पर स्थित अति विशाल, भव्य, ऐतिहासिक मंदिर है।नागपूष्णी अम्मन मंदिर जाफना से 36 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां माता सती की पायल गिरी थी। पार्वती को समर्पित चौसठ शक्तिपीठों से यह भी एक शक्ति पीठ है।यहाँ पार्वती को नागपूष्णी और भगवान शिव को रक्षेश्वर के रूप में पूजा जाता हैं। पार्वती देवी भुवनेश्वरी का सगुण रूप हैं।
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मिलते है अगले अंक में।
सादर आभार।
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उव्वाहहहह
जवाब देंहटाएंशोधग्रंथ चालू आहे
शानदार
स्वागत है
वंदन
कहां गए भाई रवींद्र जी
जवाब देंहटाएंजहीं भी होंगे सही जगह ही होंगे
शायद आज आ जाएं
सादर आभार सखी
वंदन
शानदार
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! दुनिया जैसी है वैसी ही नज़र आये इसके लिए हर चश्मा उतार ही देना होगा, सार्थक भूमिका और लिंक्स की सुंदर प्रस्तुति, आभार श्वेता जी!
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
हटाएंआभार
सादर
सुन्दर संकलन ,आभार हमें शामिल करने के लिए
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं