सो आज के बाद से वे सात दिनों के अघोषित अवकाश में रहेंगे ..
बोली बता देती है, इंसान कैसा है!
बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है!
घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है।
संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!
देखिए ...
ना रिश्वत लेंगे ना रिश्वत देंगे ओपीडी में बैठा था, तभी नज़र एक निमंत्रण पत्र पर पड़ी। एक नवोदित भ्रष्टाचार विरोधी संस्था का उद्घाटन था, जिसका नारा था — "ना रिश्वत लेंगे, ना रिश्वत देंगे।" चमकता हुआ यह नारा मुझे भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित कर रहा था। आज ही का कार्यक्रम था और कार्ड चार दिन पहले दिया गया था। कार्ड देने वाला इस संस्था का नया अध्यक्ष बना था
दीदी आज बहुत खुश लग रही थीं, वह इंगलिश ग्रामर सीख रही हैं।उन्होंने साइलेंस कोर्स के बारे में भी पूछा। कल मंझले भाई-भाभी से बात हुई। उनकी बिटिया बहन की बिटिया से टोरंटो में मिली। शाम को बादलों से झाँकता सूर्यास्त पल भर को देखा। नन्हा आज ईवी ले गया है, सर्विसिंग करानी है। अगले हफ़्ते उसके जन्मदिन पर पार्टी होगी, मेनू आज ही बन गया।
आज दोपहर कुछ फ़ोटो प्रिंट करके फ्रेम में लगाये, फिर छत तक जाने वाली सीढ़ी की दीवार पर लगाये। बैंक में अकाउंट खोलने के लिए फार्म भरा। उन्होंने क्रैब मोबाइल स्टैंड खिड़की पर लगा दिया था, सुबह योगा सेशन की रिकॉर्डिंग की। आज पहली बार ज्वार का दलिया खाया, अच्छा लगा। एसी का स्विच बदला। बाथरूम का लीकेज अभी ठीक नहीं हुआ। रात के भोजन में मोरिंगा का थेपला बनाया।
इसके बावजूद वह चुपचाप नदी में उतर गया। जब उस व्यक्ति नाक नदी के पानी के लेवल तक पहुंच गई, तो सुकरात ने उस व्यक्ति का सिर पकड़कर नदी में डुबो दिया। उस आदमी ने बाहर निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन सुकरात उससे बलशाली निकले। थोड़ी देर बाद उसके सिर को छोड़ा, तो वह बाहर आकर बड़ी तेजी से सांस लेने लगा।
सुकरात ने पूछा कि जब तुम्हारा दम घुट रहा था, तो तुम क्या सोच रहे थे। उस व्यक्ति ने कहा कि बस पानी से बाहर निकलना सूझ रहा था। सुकरात ने कहा कि यह सफलता का रहस्य है।

लगभग एक महीने पहले ही हमें श्रीलंका में होने वाली ‘रामायण यात्रा’ के बारे में जानकारी मिली थी। पूर्व में इस्कॉन से जुड़े श्री माधवानंद जी के साथ लगभग पचास लोगों के एक समूह के साथ हमने इस यात्रा में सम्मिलित होने का कार्यक्रम बनाया। सुबह सात बजे हम बेंगलुरु के केंपागौड़ा हवाई अड्डे पर पहुँचे तो अन्य यात्री भी आ चुके थे। सभी को टिकट, वीज़ा तथा नाश्ते व लंच के लिए पैकेट्स दिये गये, पूरी यात्रा के दौरान अपने साथ रखने के लिए खाने-पीने का कुछ सामान अलग से दिया गया। इमिग्रेशन के बाद हम हवाई जहाज में पहुंचे तो मोर के पंखों की आकृतियों से सजे सुंदर परिधान पहने परिचारिकाओं ने ‘आई बुआन’ कहकर हमारा स्वागत किया।उनका परिधान साड़ी था, पर पहनने का तरीका भिन्न था।एक घंटे की सुखद यात्रा में एक तमिल फिल्म का कुछ अंश देखा, जिसमें नायक हैदराबाद में कोचिंग के लिए आता है, पर नायिका को प्रभावित करने के लिए एक रेस्तरां में काम पकड़ लेता है।पता नहीं आगे क्या हुआ होगा, पर हमारा गंतव्य आ गया था। कोलंबो हवाई अड्डे पर फूलों की माला से हमारा स्वागत हुआ तथा एक समूह चित्र भी लिया गया।यहीं पर सभी ने एक स्थानीय बैंक से अपनी आवश्यकता के अनुसार भारतीय रुपयों को श्री लंका रुपयों में बदला,
एक भारतीय रुपया, सवा तीन श्री लंका रुपयों के बराबर है।
मैंने की एक विनती
मत छुड़ा कर जाओ मेरा हाथ
रुक जाओ चौखट पर
लेकिन तुमने कहा
नदी कब रुकी है किनारों के लिए
कब सुनी गई है
विनती किनारों की
आज बस
सादर
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुप्रभात! सुंदर प्रस्तुति, अघोषित अवकाश है जिनका, शुभकामनाएँ, सुंदर प्रस्तुति, बहुत बहुत आभार!
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति!
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