कान लगा कर सुनो ध्यान से उनके मधुर रागिनी में बजते अन्तर्नाद में छिपे विलाप को
बेशक वे तुम्हारी धूप चुराने का हौसला रखते हों पर धूप से झुलसते वे भी हैं
पाँव उनके भी लहुलुहान होते हैं ?
जिन रास्तों से गुजर कर वे तुम तक आए
बेशक वे फूलों भरे तो न होंगे
कोई भी रास्ता सिर्फ़ फूलों भरा कब होता है भला ?
चुपके-चुपके आँखों-आँखों इश्क़ पुराना होता था.
अपनी पैंटें, अपने जूते, साझा थे सबके मोज़े,
चार भाई में, चार क़मीज़ें, मस्त गुज़ारा होता था.
घंटों मोबाइल या लैपटॉप या कंप्यूटर की सिकीं से
बुझी आँखों के पीछे जो दर्द होता है
घुटनों का , रीढ़ की हड्डी का या ढीली पड़ती पकड़ का
उसका जिक्र कहाँ करना चाहता है कोई
और करे भी कैसे जब कोई सुनना ही नहीं चाहता ।
कल का विशेष अंक लेकर
आ रही हैं प्रिय विभा दी।
कल का विशेष अंक लेकर
आ रही हैं प्रिय विभा दी।
राजनीतिज्ञ हर जगह एक जैसे हैं। वे लोग वहां पुल बनाने का वादा करते हैं जहां नदी ही नहीं होती...!!
जवाब देंहटाएंशानदार अंक
आभार
'राजनीति लड़खड़ाये तो साहित्य सहारा दे सके'
जवाब देंहटाएं-यानी तय है कि राजनीति लड़खड़ायेगी ही
राजनीति कोई खेल नहीं है। ये सबसे गंभीर व्यवसाय है...! -विंस्टन चर्चिल
-ओ भी ऐसा वैसा व्यवसाय नहीं••• फकीर को शहंशाह बना दे•• बस कुर्सी से चिपकने की देर है
बढ़िया लिंक्स चयन
बहुत खूब
हटाएंसादर वंदे
सुंदर हलचल में मुझे शामिल करने का बहुत आभार …. दिगंबर
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह बहुत अच्छा अंक है। मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार। सभी ब्लॉगर साथियों से मेरा निवेदन है कि कृपया कर मेरे इस नए ब्लॉग पर एक बार अवश्य आएं...यह ब्लॉग पूरी तरह तरह प्रकृति से संबंधित आलेखों के लिए होगा...इस पर उसकी चिंता होगी, चिंतन होगा, राह होगी और दुनिया भर के संकट की जानकारियां...आप सभी से सहयोग की उम्मीद है...। आभार आप सभी का।
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लिंकों से सजी लाजवाब स्तुति ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं ।
बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंप्रिय श्वेता
जवाब देंहटाएंआज कल राजनीति है कहाँ ? केवल कुर्सी नीति है , कुछ भी करेंगे सत्ता पाने के लिए । आज की तारीख में विपक्ष बौखलाया हुआ है और सत्तापक्ष सोच रहा है कि हम ही हम हैं ---- पासा पलट भी जाए तो साधारण जनता को क्या हासिल होने वाला ? जनता को फ्री का लालच दे कर फ्री की अफीम खिला दी जाती है । बृहद विषय है ।
रचनाएँ सभी एक से बढ़ कर एक । मेरे द्वारा दिये पुस्तक परिचय को शामिल करने के लिए शुक्रिया ।