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मंगलवार, 23 मई 2023

3766 ..चाय के ठेले से हटके, हम खड़े थे अग्निपथ पर

 सादर अभिवादन

कल के अंक से जारी...
सारे कर्ज चुका दें मसलन
ई एम आई, (कार बाईक की किश्तें) सम्पति कर
सारे बकाया टैक्स (नगर निगम, आयकर)
यदि पैसा दिखाने लायक है तो फिक्स डिपाजिट कर दें
गरीबों की मदद कर दें....
फिर भी बच जाए तो न घबराएं....30 सितम्बर के बाद
वे रुपए एक एप्लीकेशन के साथ आर बी आई में जमा कर दें
वे स्वतः आपके खाते में आ जाएंगे
अब चलें रचनाओं की ओर...




"उगता नहीं तपा, तो डूबता क्या तपेगा! अपने युवराज को समझाओ पुत्र तुम्हारे कार्यालय जाने के बाद दिनभर उनके दरवाजे, खटिया पर पड़ा रहता है जिनके बाप-दादा जी हजूरी करते रहे। किसी घर का बड़ा बेटा चोरों का सरदार है। किसी घर की औरत डायन है,"




जब कोई हमें अपमानित करता है तब वह हमारा निकष होता है, प्रभु से प्रार्थना है कि वह उसे हमारे निकट रखे ताकि हम वही न रहते रहें जो हैं बल्कि बेहतर बनें. स्वयं की प्रगति ही जगत की प्रगति का आधार है, हम भी तो इस जगत का ही भाग हैं. हम यानि, देह, मन, बुद्धि। आत्मा तो पूर्ण है






रूठो ना हमसे तुम प्रियतम,आज साजन क्या हो गया
निभाई प्रीत दिल से हमने ,हाल.अपना क्या कर लिया
..
हैं बहारें खिली मधुबन में ,मौसम आज तड़पा रहा
गा रही  हवाएं गीत मधुर,  दिलअपना तुम्हें दे दिया




वक्त से दुआ-सलाम हुआ ।
दिल को किसी का पैगाम मिला ।
किसी की नादानी को माफ़ किया ।
किसी का दामन थाम लिया ।
किसी मुस्कुराहट का जवाब दिया ।
कुछ देर ठहर किसी दर पर बातें कीं ।
किसी दरख़्त की छाँव महसूस की ।
रास्ते पार किए बगैर जा पहुँचे कहीं ।
घुमाती ही रहती है जीवन की सप्तपदी ।




यूँ ही नहीं हो जायेगा,
मेरे सफ़र का खात्मा।
मैं वो नहीं जो मंजिल पाकर ठहर जायेगा।
मैं वो हूँ जो बहुत आगे
बहुत आगे बहुत आगे जायेगा।




हाथ हाथों में सिमटकर,
कदम कदमों संग चलकर।
चाय के ठेले से हटके,
हम खड़े थे अग्निपथ पर।
चाय की वो चुस्कियाँ,
अब बन चुकी थीं सुर्ख़ियाँ॥


अब बस
सादर

9 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात!
    चाय की चुस्कियों के साथ अंक की सुंदर रचनाओं का भी स्वाद देने के लिए आपका बहुत शुक्रिया प्रिय सखी!
    गीत की पंक्ति को भूमिका में सजाने और अंक का हिस्सा बनाने के लिए आपका आभार और अभिनंदन!

    जवाब देंहटाएं
  2. एक शानदार अंक...। सभी कुछ बहुत अच्छा है...। खूब बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. चाय पीते सफ़र कट जाये और कमाई में धन मिल जाये तो फिर जीवन गीत सा बन ही जाएगा, सुंदर प्रस्तुति! आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं

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