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शुक्रवार, 12 मई 2023

3755...लफ़्ज़-लफ़्ज़ जो लिखा...

शुक्रवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन।
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धर्म को पुष्ट करने हेतु
आस्था की अधिकता से
सुदृढ हो जाती है कट्टरता ....
संक्रमित विचारों की बौछारों से
से सूख जाता है दर्शन 
संकुचित मन की परतों से
टकराकर निष्क्रिय हो जाते है
तर्कों के तीर
जीवन की स्वाभाविक गतिशीलता
को लीलती है जब कट्टरता
तब...
कोई भी गणितीय सूत्र या मंत्र
नहीं जोड़ पाती है
मानवता की साँस
 नैतिकताओं को वध होते देखते
प्रत्यक्षदर्शी हम 
घोंघा बने स्वयं के खोल में सिमटे
मौन रहकर
जाने-अनजाने, न चाहते हुए भी
निर्लज्ज धर्मांधों के अनुचर बने
मनुष्यता को चुन-चुनकर
मारती भीड़ का हिस्सा बनकर
स्वयं को निर्दोष बताते हैं...।
------
आइये मन को सुकून पहुँचाती 
आज की रचनाओं  के संसार में...


सुख की सब सौगातें प्यारी
सदा रहेंगे साथ
हर पथ पर हम उमंगित
हाथ में हाथ
कभी जीत के हार गले में
कभी हार में जीत।।



ख़्वाब कोई है नहीं बढ़ता के मुझसे भी बुरा 
नहीं तो क्या कहूं ये ज़िंदगी मुहाल है।

जाने किस तरह की जिंदगी सज़ा ले रहा है 
धूम्रपान करना तो ठीक था होश पर मलाल है।

था एक वादा



सुनती थी सांसें एक सरगम
क्या कहने के सुर और साज बघाने हो गए
*
न जमा मेरा था न उसका कोई था
न जाने क्या हुआ के ख़फ़ा बुतखाने हो गए


अलसायी सोयी में
ज्वर-पीड़िता बयार
बिगड़े देख सूर्य के तेवर
चौराहा तेज बुखार
तप्त हवा के उच्छ्वासों में
लपटों जैसे पीर
सूरज की प्रत्यय... 



कॉफ़ी आई तो आम ठेलों की तरह हमारा हाथ स्वतः ही वेटर की दिशा में वृद्धि के अनुसार तय करने के लिए और वो उसके लिए शायद तैयार नहीं होगा तो कॉफी का कप गिर गया हमारे सफेद बेलबॉटम पर। वोरा घबरा गया। फर्ज़ी सारी करने लगा। जल्दी से वेट टॉवल ला कर पौंछा और दूसरी कॉफी ले आया। हम इस कदर घबरा गए कि एक पैर जल गया, बेलबॉटम अलग नाश हो गया और उस पर से दो कॉफी के पैसे। मन ही मन जोड़ने के लिए। सोचे कि टिप नहीं और पैदल ही चर्च जा पाएंगे तो होश बराबर हो जाएगा। अबकी बार उसे टेबल पर कप रखने के लिए दिया गया, तब उसे उठाये।


आज के लिए इतना ही

कल का विशेष अंक लेकर

आ रही हैं प्रिय विभा दी।

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6 टिप्‍पणियां:

  1. सुकून के पल
    महसूस.किया
    आपको देखकर
    आप छटपटा जाती हैं
    किसी अपने को अस्वस्थ देखकर
    आभार , शानदार रचनाएं
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. श्वेता आप का चिंतन परक लेखन मुझे मुग्ध कर देता है कि बार --बहुत सटीक दर्शन देती आंरभिक प्रस्तुति पंक्तियां।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    सभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर है।
    मेरी रचना को हलचल में स्थान देने के लिए हृदय से आभार आपका।
    सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी रचनाएं बहुत अच्छी हैं...सभी रचनाकारों को बधाई। बेहतर समझें तो मेरे ब्लॉग पर भी विजिट कीजिएगा प्लीज।

    जवाब देंहटाएं

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