जितना तेरा दिमाग है,
उतना तो उसका खराब रहता है।
हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...
दर्द बेवाओं का वो क्या जाने
वो जो हरी चूड़ियाँ बनाता है
मैं हर शायर में ये भी देखता हूँ
बिना माइक के वो क्या बोलता है
जो मैं हूँ वो मैं जानता हूँ तुम अंदाजा लगाओ इतनी तुम्हारी औकात नहीं...। कहा जाता है फलां की इात ही क्या है उसे चाहे जो बेइात कर देता है। सब शब्द मिलकर हमारे चरित्र की तरफ इशारा करते हैं। औकात, वजूद, हैसियत और इात। उर्दू एक नफासत और नजाकत वाली भाषा है। हमारी संस्कृति में इतनी मिलजुल गई है सदियों से यह चल रहा है यह सिलसिला। भूख से हलकान है मजलूम तिरे आतिश-ए-शहर में
गुर्बत में हक का निवाला भी खा गया कोई ।
घरों में कैद है जिंदगी फिज़ाओं में पसरा है सन्नाटा
अकड़ना छोड़ दे अब, तेरी औकात बता गया कोई।
हम तो कठपुतली हैं भइया खूब नचाये नाचेंगे
है नकेल जिस के हाथों में चरण उसी के चापेंगे
पद की शोभा ही क्या कम है जिस पर शोभित हैं भइया
हम तो मैया के कूकर हैं पूंछ हिला कर नाचेंगे |
मादा उल्लू ने अपने पीछे पलकें झपकाते हुए एक पंक्ति से बैठे अपने बच्चों की ओर इशारा किया। पूरे दरबार में हंसी का ठहाका गूंज गया। महारानी ने एक क्षण व्यर्थ किए बिना अगले अभ्यर्थी के लिए आवाज लगाई। व्यक्ति को अपनी क्षमता पहचान कर अपनी औकात में रहना चाहिए।
वो रवैया (एटीट्यूड/Attitude) वहीं दिखलाते हैं जहाँ अन्य अपनी औकात दिखाते...
सदा से शानदार प्रस्तुति बनाना
जवाब देंहटाएंआपकी आदत मे शुमार है
आज का अंक भी लाजवाब है
सादर प्रणाम
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआज की हलचल शानदार रही !
जवाब देंहटाएंगज़ल,लेख,कविता कहानी पर आधारित आज के अंक संपूर्ण संकलन बहुत अच्छा लगा दी। एक शब्द पर आधारित आपकी प्रस्तुति सचमुच हमेशा बेहतरीन होती है।
जवाब देंहटाएंसस्नेह प्रणाम दी
सादर।