जय मां हाटेशवरी......
आज महान क्रांतीकारी सुख-देव का जन्म दिवस है.....
कोटी-कोटी नमन इस महान शहीद को.....
सुखदेव (वर्ष 1907-1931) एक प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। वह उन महान भारतीय
स्वतंत्रता सेनानियों में से हैं, जिन्होंने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
रास्ते चौड़े हुए...
रंगमहलों की खुशियां मान हो गईं
गरीब झोपड़ को लानतें हजार दे गए
चैनो खुशी अमन ले गए ग़ुरबत देकर,
लौटाने का वादा था इंतजार दे गए।
अंतहीन तृषा - -
नीरवता, कल्पवृक्ष की
सघन शीतलता,
अदृश्य स्पर्श
में है कोई
जादू
जो कर जाए मुक्त, जीवन की गहन व्यथा,
पुरातन मंदिर की हो तुम सांध्य दीप शिखा।
जीवन की शाम
यदि कर्म कुछ अच्छे रहे ,जीवन समाप्ति के बाद भी
समय समय पर ,याद किया जाएगा उन्हें
बरसों तक खाली स्थान ,भर ना पाएगा
यही बात है असाधारण ,दुनिया यही चलती है
आखिर जाने ऐसा क्या पा लेंगे!!
पूरा विश्व एक गांव हुआ जा रहा है..पहचान नहीं पाते कि यहाँ हैं कि वहाँ. सब वैश्वीकरण के इस दौर में एक दूसरे में इतना घुल मिल गये है. सबकी अपनी योग्यता है,
सभी का स्वागत सभी जगहों पर हैं.
वीतरागी माँ
आँखों में व्याप्त अजनबीपन
तनिक भी तो ना भाता माँ
यूँ विरक्त हो जाना तेरा
बरबस दिल दहलाता माँ
रखो हाथ जरा सर पे
ममता से मुझे दुलारो माँ !
उदासी की हल्दी
बुने वक्त ने फिर
ताने बाने, कैसे कैसे
हुई ज़िंदगी हरा सा ज़ख्म
सुलगता दाग़ जैसे
आग सीने में मेरे
जाने क्यों अब जलती नहीं
धन्यवाद
शानदार अंक
जवाब देंहटाएंआभार आपका
सादर
क्रांतिकारी सुखदेव को याद रखने और स्मरण करने के लिए हार्दिक आभार कुलदीप जी. माँ पर कविता बहुत हृदयस्पर्शी है.
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