उगते सूरज ढलते सूरज
कदम- कदम संग चलते सूरज
भीतर बाहर जहां देखिए
दिव्य चेतना छठ माई है
सूर्य ज्योति से जग प्रकाशित
हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...
उगि हे सुरूज देव /
हे सूर्य, हमने अपने धर्म और शास्त्रों में बताए असंख्य देवियों और देवताओं को नहीं देखा है। हमने अपने जीवन में उनकी उपस्थिति कभी महसूस नहीं की। उनकी कथाएं भर सुनी हैं। एक आप ही हैं जो सदा हमारी आँखों के आगे हैं। उदय होकर भी और अस्त होकर भी। हमें आपका देवत्व स्वीकार करने के लिए किसी तर्क या प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। हमारी यह ममतामयी पृथ्वी आप से ही जन्मी है। यहां जो भी नमी है, उर्वरता है, हरीतिमा है, सौंदर्य है, जीवन है - वह आपकी ही देन हैं। आप न होते तो न यह पृथ्वी संभव थी, न पृथ्वी का अपार सौन्दर्य और न यहां जीवन के पनपने और विकसित होने की असीम संभावनाएं। हमारे प्यारे चांद का सौंदर्य और शीतलता भी आपकी ही अग्नि से है। हमारे ऋग्वेद ने सच ही कहा है - ‘सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च दृ’ अर्थात आप सूर्य ही सृष्टि की आत्मा है।
हे देव, आपके अनगिनत उपकारों के बदले हम आपको क्या दे सकते हैं ? बस आज से आरंभ छठ के चार पवित्र दिनों में शुद्ध तन-मन से आपके प्रति कृतज्ञता के गीत गाएंगे। आपके अस्ताचलगामी और उदीयमान दोनों रूपों को श्रद्धा के अर्घ्य समर्पित करेंगे। वह भी आपके ही दिए फल-फूल, कंद-मूल, अन्न-जल-दूध से। हमारी श्रद्धा और प्रार्थना स्वीकार करें ! हमें प्रकाश दें, ऊर्जा दें, उर्वरता दें, जीवन दें, स्वास्थ्य दें, हरियाली दें, वृक्ष दें, अन्न-फल-फूल दें, बादल दें, वर्षा दें, नदियां दें ! यह विवेक दें कि हम आपके अंश से बनी इस पृथ्वी और इसकी प्रकृति का सम्मान और संरक्षण कर सकें और अपनी संतानों के लिए इन्हें कुछ और बेहतर बनाकर जाएं !
सूर्य के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के चार-दिवसीय लोकपर्व छठ की आप सबको शुभकामनाएं !ध्रुव गुप्त
शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआज से असली व्रत की शुरुआत
छठमाई की कृपा बरसे
आभार दीदी
सादर नमन
छठ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ । पढ़ते हैं अभी जा कर सब लिंक्स । 🙏
जवाब देंहटाएंविकल हमहुँ करिला गुहार,
जवाब देंहटाएंछठी मइया सुनि लिह पुकार,
विकल हमहुँ करिला गुहार
जवाब देंहटाएंछठी मइया सुनि लिहा पुकार
एक बार फिर से अत्यंत सराहनीय प्रस्तुति प्रिय दीदी।छठ के महत्व को दर्शाती सभी रचनाओं के माध्यम से मानों छठ भीतर जीवन्त रूप में उपस्थित हो गई।शायद यही एक मात्र पर्व है जो परम्परागत ढंग से ही मनाया जाता है।बहुत कठोर अनुष्ठान है छठ पूजा का।ब्लॉग पर आकर ही इस के बारे में ज्यादा जान सकी।सभी समर्पित छठ साधकों को सादर नमन।सभी व्रतियों की ऊर्जा और आन्तरिक ऊर्जा का विस्तार हो यही कामना है।आपको विशेष आभार और प्रणाम 🙏♥️♥️🌹🌹
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह वाह अनुपम प्रस्तुति
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