जय मां हाटेश्वरी...
भारत एकमात्र ऐसा देश है,जिसकी पांच भााषाएं विश्व की 16 प्रमुख भाषाओं की सूची में शामिल हैं। 160 देशों के लोग भारतीय भाषाएं बोलते हैं। विश्व के 93 देश ऐसे हैं, जिनमें हिंदी जीवन के बहुआयामों से जुड़ी होने के साथ,विद्यालय और विश्व विद्यालय स्तर पर पढ़ाई जाती है। चीनी भाषा मंदारिन बोलने वालों की संख्या, हिंदी बोलने वालों से ज्यादा जरूर है, किंतु अपनी चित्रात्मक जटिलता के कारण, इसे बोलने वालों का क्षेत्र चीन तक ही सीमित है। शासकों की भाषा रही अंग्रेजी का शासकीय व तकनीकी क्षेत्रों में प्रयोग तो अधिक है, किंतु उसके बोलने वाले हिंदीभाषियों से कम हैं। 1945 में संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाएं 4 थीं,
अंग्रेजी,रूसी,फ्रांसीसी और चीनी। ये भाषाएं अपनी विलक्षणता या ज्यादा बोली जाने के बनिस्वत, संयुक्त राष्ट्र की भाषाएं इसलिए बन पाईं थीं, क्योंकि ये विजेता महाशक्तियों की भाषाएं थीं। बाद में इनमें अरबी और स्पेनिश शामिल कर लीं गई। विश्व-पटल पर हिंदी बोलने वालों की संख्या दूसरे स्थान पर होने के बावजूद इसे संयुक्त राष्ट्र में शामिल नहीं किया गया है। यही नहीं भारतीय और अनिवासी भारतीयों को जोड़ दिया जाए तो हिंदी पहले स्थान पर आकर खड़ी हो जाती है। भाषाई आंकड़ों की दृष्टि से जो सर्वाधिक प्रमाणित जानकारियां सामने आईं हैं,उनके आधार पर संरा की छह आधिकारिक भाषाओं की तुलना में हिंदी बोलने वालों की स्थिति निम्न है,
मंदारिन 80 करोड़, हिंदी 55 करोड़, स्पेनिश 40 करोड़, अंग्रेजी 40 करोड, अरबी 20 करोड़, रूसी 17 करोड़ और फ्रेंच 9 करोड़ लोग बोलते हैं। जाहिर है, हिंदी संरा की आंग्रिम पांक्ति में खड़ी होने का वैध अधिकार रखती है।
हिंदी के साथ एक और विलक्षणता जुड़ी हुई है। हिंदी जितने राष्ट्रों की जनता द्वारा बोली व समझी जाती है, संयुक्त राष्ट्र की पहली चार भाषाएं उतनी नहीं बोली जाती हैं। हिंदी भारत के अलावा नेपाल, मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, गयाना, त्रिनिनाद, टुबैगो, सिंगापुर, भूटान, इंडोनेशिया, बाली, सुमात्रा, बांग्लादेश और पाकिस्तान में खूब बोली व समझी जाती है। भारत की राजभाषा हिंदी है तथा पाकिस्तान की उर्दू, इन दोनों भाषाओं के बोलने में एकरूपता है। दोनों देशों के लोग लगभग 60 देशों में आजीविका के लिए निवासरत हैं। इनकी संपर्क भाषा हिंदी मिश्रित उर्दू अथवा उर्दू मिश्रित हिंदी है। हिंदी फिल्मों और दूरदर्शन कार्यक्रमों के जरिए भी हिंदी का प्रचार-प्रसार निरंतर हो रहा है। विदेशों में रहने वाले दो करोड़ हिंदी भाषी हिंदी फिल्मों, टीवी सीरियलों और समाचारों से जुड़े रहने की निरंतरता बनाए हुए हैं।
ये कार्यक्रम अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मन, जापान, आस्ट्रेलिया, कनाडा, हालैंड, दक्षिण अफीका, फ्रांस, थाइलैंड आदि देशों में रहने वाले भारतीय खूब देखते हैं। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की संख्या 191 है। संरा में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए योग-दिवस की तरह एक प्रस्ताव लाना होगा,जिस पर 129 देशों की सहमति अनिवार्य होगी। यह सहमति बन जरती है तो संरा के विधान की धारा-51 में संशोधन होगा और उसमें संयुक्त राष्ट्र की भाषा के रूप में हिंदी जुड़ जाएगी। भोपाल में हो रहे विश्व हिंदी सम्मेलन में हिंदी प्रेमियों का यह दायित्व बनता है कि वे इस दिशा में उचित पहल करें,जिससे हिंदी पहले तो देश के राजनीतिक अजेंडे में
शामिल हो और फिर इसकी अगली कड़ी में इसे संरा की भाषा बनाने की मुहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चलाएं। हिंदी संरा की भाषा बन जाती है तो इसे देश की राष्ट्रभाषा बनने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा। ऐसा होता है तो भारतवासियों के लिए भाषाई दासता से मुक्ति का द्वार भी खुलने लग जाएगा
-------प्रमोद भार्गव
हम उमीद कर सकते हैं कि...ये दिन भी अवश्य आयेगा...इस विश्वास के साथ पेश हैं आज के 5 लिंक...
संजय जैन 13 साल के इस मासूम का सुसाइड नोट
‘जहां इंसान से ज्यादा पैसों की कीमत है,
उसे ऐसी दुनिया में नहीं जीना’.
गर्भकाल गर्भस्थ की पहली पाठशाला है
ब्रह्मऋषि नारद जी की कुटिया में वे गर्भकाल में रहीं थीं क्योंकि स्वर्गका महाराजा इंद्र उनका अपहरण कर लाया था। ताकि हिरण्यकशिपु का वंश ही आगे न बढ़ सके जिसने देवताओं से राड़ ठान ली थी त्रिलोक को प्रकम्पित कर रखा था।
Windows 10, Windows 8, Windows 7, Windows xp में Virtual Wifi Network बनाने का तरीका
ेट को शेयर करके मोबाइल में भी नेट चला सकते हो
ये ट्रिक में इसलिए बता रहा हु की बहुत से लोग मेरी तरह अपने घर पर ब्रॉडबेन्ड का इस्तेमाल करते होंगे और उसी ब्रॉडबैंड के डेटा को अपने मोबाइल पर भी इस्तेमाल
करना चाहता होगा वैसे तो wifi मॉडेम के द्वारा भी हम एक साथ कई डिवाइस में नेट चला सकते है लेकिन कई लोग आज भी wifi मॉडेम के बिना भी नेट चलाते है आज की ट्रिक
करने के बाद वो बिना wifi मॉडेम के भी अपने नेट को शेयर कर सकते है
मै कौन हूँ
न मैं पहचान सकती हू
न जान सकती हूँ
एक तुम हो जो
मुझे जानते भी हो और पहचानते भी
तुम्हारे हाथों मे पढ़ी, बड़ी हूँ मैं
तुम्हारे हांथ, कब लगे कुरेदने
तुम्ही जान सकते हो
तुम्ही बचा सकते हो मुझे
गली कूचों मे बिखरे दरिंदों से
शेर-ओ-शायरी - सुशील कुमार 'मानव
• हाथों में हथियार लिए, कुछ मुर्दे घूम रहे हैं,
इंसानियत का तकाज़ा है, इन्हें दफ़नाओ नहीं, जिंदा करो।
• हिंदू का है, न मुसलमान का है
सियासत की देह का, कोढ़ है मज़हब।
धन्यवाद...
बढ़िया प्रस्तुति कुलदीप जी ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कुलदीप जी
जवाब देंहटाएंकुलदीप भाई
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन
पठनीय सामग्री
सादर..