जय मां हाटेशवरी...
जब दुनिया भर में नासा का नाम लेकर यह खबर फैली कि 15 दिन के लिये पूरी पृथवी पर अंधेरा छा जाएगा, तो हर तरफ यही शोर सुनाई देने लगा... लोग जानने
के लिये उत्सुक हो गये कि उस दिन से अगले 15 दिनों तक ऐसा क्या होने वाला है, कि इतनी लंबी रात हो जायेगी?ये खबर सुनकर मैं भी कुछ उतसाहित हुआ कि चलो अपने जन्मकाल में भी कुछ नया देखने को मिलेका... तभी पता चला कि नासा ने इसे अफवाह करार दिया है। नासा ने कहा कि नवंबर20 के महीने में ऐसा कुछ भी नहीं होनेवाला है जिससे दुनिया भर में 15 दिन के लिए अंधेरा हो जाएगा। दरअसल
वेबसाइट Newswatch33 ने 14 जुलाई को अपने पोस्ट में नासा का झूठा हवाला देते हुए यह जानकारी दी कि
15 नवंबर को सुबह तीन बजे से लेकर 30 नवंबर दोपहर 4:15 तक अंधेरा छाया रहेगा। लेकिन नासा ने इस दावे को बेबुनियाद
बताया और कहा कि धरती पर 'नवंबर ब्लैकआउट' जैसी चीज नहीं होती बल्कि यह वीनस (शुक्र) और जूपिटर (बृहष्पति) ग्रहों पर होनेवाली खगोलीय घटना होती है। आज कीसी भी प्रकार की अफवाह फैलाना भी कितना आसान हो गया है...चंद मिनटों में ही एक अफवाह सारी दुनियां में फैल जाती है...
अब चलते हैं... आज के पांच लिंकों की ओर...
असहाय एकलव्य
पर बहुत से धर्म-युद्ध
अभी भी लड़े जाने हैं.
अर्जुन, विश्व के सबसे बड़े धनुर्धर,
तुम्हारे पास लड़ने का समय नहीं
और मैं लड़ नहीं सकता,
क्योंकि मैंने तो अपना अंगूठा
तुम्हें सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए
कब का गुरु-दक्षिणा में दे दिया था.
अमर क्रान्तिकारी - मदनलाल ढींगरा जी की १३२ वीं जयंती
२३ जुलाई १९०९ को ढींगरा के केस की सुनवाई पुराने बेली कोर्ट में हुई। अदालत ने उन्हें मृत्युदण्ड का आदेश दिया और १७ अगस्त सन् १९०९ को फाँसी पर लटका कर उनकी
जीवन लीला समाप्त कर दी गई । मदनलाल मर कर भी अमर हो गये।
भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अप्रतिम क्रान्तिकारी - मदनलाल ढींगरा जी की १०६ वीं पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें शत शत नमन करते है !
श्री गणेश जन्मोत्सव
त्यौहारों के आगमन के साथ ही घर-घर से भांति-भांति के पकवानों की महक से वातावरण खुशनुमा हो जाता है। इसमें भी अगर मिठाईयां न हो तो त्यौहारों में अधूरापन लगता
है। दूध मिठाईयों का आधार है। इसी से निर्मित मावे और घी से अनेक व्यंजन तैयार होते हैं, लेकिन आज यह अधिक मुनाफे के फेर में मिलावटी बनकर स्वास्थ्य के लिए
हानिकारक सिद्ध हो रहा है। मिलावटी दूध, घी हो या मावा सेहत के लिए वरदान नहीं बल्कि कई बीमारियों की वजह बनती है। इसलिए बाजार से मिठाई-नमकीन आदि जाँच-पड़ताल
कर ही खरीदें, अच्छा तो होगा यही होगा कि त्यौहार में घर पर पकवान बनाएं और स्वस्थ्य तन-मन से पूजा-अर्चना करें!
अपाहिज होती व्यवस्था
खून चूसता तंत्र, अपाहिज होती व्यवस्था
सड़ी गली राजनीति , कुंठित प्रतिभाएं
व्यवसाय बनी ये शिक्षा, महज़
चपरासी और क्लर्क पैदा कर रही हैं ...
तलाक-तलाक-तलाक बोलिए-और काम पे चलिए
बेचारी "बीवी उसकी खडी सोचती ही रह गयी कि या खुद ये क्या ज़ुल्म हो गया ?? अब मेरे तीन बच्चों का क्या होगा ?सात साल से दोनों बड़े प्यार से रह रहे थे ना जाने
किसका मुंह देख कर चले थे कि ज़ुल्मी तलाक ही दे गया मामूली सी नहस पर ! तीनो बच्चे और वो महिला बस अड्डे पर जोर-जोर से रो रहे थे तो लगों के पूछने पर इस महिला
ने ये बात बताई !
बहुत सुंदर प्रस्तुति कुलदीप जी ।
जवाब देंहटाएंवाह भाई कुलदीप जी
जवाब देंहटाएंविविधता लिए रचनाओं का चयन..
साखना पड़ेगा आपसे...
सादर..
वाह भाई कुलदीप जी
जवाब देंहटाएंविविधता लिए रचनाओं का चयन..
सीखना पड़ेगा आपसे...
सादर..
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....
आपका आभार बंधुवर |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
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