माना दुःख-दर्द ढेरों हैं जमाने में
इश्क़ महके है अब भी हर फ़साने में
लोग तैयार हैं अदावतों की खातिर
लुत्फ़ आता है पर हँसने-हँसाने में
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
माना दुःख-दर्द ढेरों हैं जमाने में
इश्क़ महके है अब भी हर फ़साने में
लोग तैयार हैं अदावतों की खातिर
लुत्फ़ आता है पर हँसने-हँसाने में
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शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर...
उम्दा लिंक्स चयन
जवाब देंहटाएंसुंदर सराहनीय रचनाओं का संकलन ।
जवाब देंहटाएंजी ! नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को अपने मंच पर अपनी प्रस्तुति का हिस्सा बनाने के लिए ...
जवाब देंहटाएंआपकी हर बार की तरह इस बार की प्रेरणात्मक भूमिका की तरह ही .. आज की भूमिका के माध्यम से ज्ञात हुआ .. आज आपकी शुक्रवारीय की जगह पर मंगलवारीय प्रस्तुति को प्रस्तुत करने की वजह .. प्रकृति और चिकित्सा विज्ञान के अनुपम उपहारस्वरूप यशोदा जी को स्वस्वर वापस मिल जाए .. ऐसी अनगिनत शुभकामनाएं मुझ सहित उनके हर चाहने वालों की ओर से और चंद दुश्मनों की ओर से भी ...
सुना है कि दुश्मन अगर दुआ करे तो वो शत्-प्रतिशत फलित होता है .. शायद ...
इस मंच के माध्यम से चेन्नई के चिकित्सालय में उनको सुप्रभातम् सह नमन .. बस यूँ ही ...
आभार...
हटाएंजांच जारी है..
सादर..
🙏 जी ! प्रकृति आपके पक्ष में सकारात्मक रहे ऐसे पलों में ...
हटाएंयशोदा दी को शीघ्रताशीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो...वे जल्द स्वास्थ्य लक्क़ब्ह पाकर घर वापस आए यही शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंप्रकृति का नियम है जब हम अपने व्यापक रूप को पा रहे होते हैं तो एक पीड़ा से गुजरना पड़ता है.... और अज्ञानता में हम समझते हैं की दुश्वारियां हमें घेरे हैं..
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक एवं सारगर्भित भूमिका के साथ उत्कृष्ट लिंकों से सजी लाजवाब हलचल प्रस्तुति...मेरी रचना को भी स्थान देने हेतु तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार प्रिय श्वेता जी !
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंप्रिय श्वेता,सबसे पहले यशोदा दीदी के लिए ढेरों शुभकामनाएं।ईश्वर उनका इलाज सफल करे,यही प्रार्थना है। ब्लॉग जगत से उनके अनगिन शुभचिंतकों की दुआएं उनके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर भूमिका और सार्थक रचनाओं के साथ सजा है आज का अंक ।भूमिका में लिखी गई पँक्तियाँ गहन जीवन बोध की परिचायक हैं। असल में व्यक्तित्व के विस्तार के साथ हमसे दूसरोँ की अपेक्षाएँ भी बढ जाती हैं और हमारी कामनाएँ भी रुकती नहीं।यही दुख और संताप का मूल है कदाचित!!।सभी रचनाकारों को सादर नमन और शुभकामनाएं।आभार और बधाई इस भावपूर्ण अंक के लिए।
सबसे पहले यशोदा के लिए हृदय से प्रार्थना । सारे परीक्षण सफल रहें । बाकी तो सबको अपनी परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है ।जो भोगना है सो भोगना है निमित्त कोई भी हो ।
जवाब देंहटाएंसाते लिंक्स बेहतरीन लगे । आभासर ।
आभार / **
जवाब देंहटाएंगूढ़ चिंतन के सहित बहुत सुंदर और सकारात्मक पहलू के साथ पूरी प्रस्तुति का सार समेटे सुंदर भूमिका।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं बहुत आकर्षक पठनीय।
सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार प्रिय श्वेता।
सस्नेह।
यशोदा जी के स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करती हूँ प्रभु से, कोई सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो बस यही प्रार्थना है।
जवाब देंहटाएंहृदय से असीम शुभकामनाएं।