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शुक्रवार, 18 मार्च 2022

3336....रंगोत्सव

शुक्रवारीय अंक में 
आप सभी को श्वेता का हार्दिक अभिनंदन।
 पाँच लिंक परिवार की ओर से रंग,खुशी,उमंग मिठास,सकारात्मता और स्नेह की
 पिचकारी भर-भर के शुभमंगलकामनाएँ।
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रंगों के बिना संसार की कल्पना संभव नहीं
रंगों से इतर जीवन की अल्पना संभव नहीं,
यूँ तो असंभव इस सृष्टि में कुछ भी नहीं हो शायद,
रंगों के स्पर्श बिना चेतना की संकल्पना संभव नहीं। 

जीवन में समय के अनुरूप
एक से दूसरे पल में 
परिवर्तित होते रंग प्रमाण है 
जीवन की क्रियाशीलता का...।

उत्सव का इंद्रधनुषी रंग 
हाइलाइट कर देता है जीवन के
कुछ लटों को
खुशियों के रंगों से ...।

रस में तैरते मालपुए,दही भल्लों की चटखारे
रंगों की बरसात हो रही,उल्लास में डूबे सारे हैं ,
होली बहाने, मिटे फासले, खन-खन खुशियों की झोली
हमजोली की हँसी-ठिठोली, टोली की मस्ती हो ली।


अब आइये पढ़ते है उत्सव में डूबी आज की रचनाएँ









और चलते-चलते गुनगुना लीजिए।




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आज के लिए बस इतना ही
कल का विशेष अंक लेकर
आ रही हैं प्रिय विभा दी।
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13 टिप्‍पणियां:

  1. होली के अवसर पर सारे,
    रंगों को मैं ले आऊँ,
    और तुम्हारे जीवन में मैं,
    उन रंगों को बिखराऊँ...
    बहुतै सुन्दर अंक
    रंगोत्सव की शुभकामनाएं...

    जवाब देंहटाएं
  2. –वाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण
    शुभकामनाओं के संग बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. रंग,खुशी,उमंग मिठास,सकारात्मता और स्नेह की
    पिचकारी भर-भर के शुभमंगलकामनाएँ...
    शुक्रिया प्रिय श्वेता।
    भय, प्रतिशोध और साजिशों के इस दौर में त्योहार कुछ समय के लिए ही सही, सुकून, आश्वस्ति, भाईचारे और बेपरवाही का समय लेकर आते हैं। यही समय होता है जब सब भूलकर लोग एक हो जाते हैं, कल की फिक्र छोड़कर कुछ समय जी भरकर जी लेना चाहते हैं।
    हम सब यही तो कर रहे हैं। आप सभी रचनाकारों, चर्चाकारों को होली की शुभकामनाएँ !!!

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह!सतरंगी छटा बिखेरता सराहनीय अंक।
    मन मोहती भूमिका।
    टोह को स्थान देने हेतु हृदय से आपका श्वेता दी जी।
    होली मुबारक हो।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. समय मिलते ही सभी रचनाएँ पढूँगी।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. अरे! कुछ एक्स्ट्रा हाइलाइट वाली होली हो रही है यहाँ तो। स्नेही पिचकारी से निकला इन्द्रधनुषी रंग सराबोर कर रहा है। आप सबों को भी मिठास भरी शुभकामनाएँ। इस रंगोत्सव से नि:सृत सकारात्मकता सदैव चेतना को संवर्धित करे। हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति प्रिय श्वेता!मिठाई,रंग,सुगंध सभी यहाँ मौजूद है।भूमिका से लेकर हर तरह की रंग बिरंगी रचनाएँ मन को छू गई।सच में कितना भी औपचारिक क्यों न हो जाए,पर इसकी मिठास बरकरार रहती है।बहुत सुकून देता है एक दिन का ये रंगोत्सव।सभी कोहोली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।तुम्हें प्यार और आभार सुन्दर प्रस्तुतिकरण के लिए ❤🧡🧡❣

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरी पुरानी होली रचना 🙏

    देखो मतवाला दिन आया
    बिखरे होली के रंग गलियों में,
    टेसू फूले ,गुलाब महके
    उडी भीनी पुष्प गंध गलियों में

    श्वेत -श्याम एक हुए
    ना ऊँच- नीच का भेद रहा ,
    रंग एक रंगे सभी देखो
    एक दूजे के संग -संग गलियों में !

    ढोल बजे हुडदंग मचे
    फूला मन उड़ा पतंग जैसे ,
    गोरी गुलाल से लाल हुई
    फैले मधुर आनन्द गलियों में !

    घोंट ठंडाई खूब चढाये
    ना कोई बस में कर आये,
    बड़े लाला घूम रहे हैं
    मस्ती में पी भंग गलियों में !


    उत्सव जगा ठहरे जीवन में
    मस्ती के मेले खूब सजे ,
    महकी हवायें गुझिया से
    छाई अजब उमंग गलियों में
    टेसू फूले ,गुलाब महके .
    उडी भीनी पुष्पगंध गलियों में !!



    जवाब देंहटाएं
  9. वाह! क्या बात है। बहुत ही सुन्दर। इधर आज सब घोंट ठंडाई उन्मादी हो कर होरिया रहें हैं। मतवाला दिन है मतवाली बातें हैं, जो न कहना वो सब कह जाते हैं। हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह ! रंग जमा दिया ! रचनाओं के चटक रंगों ने !!!
    शुक्रिया, श्वेता जी । रंग ना फीके पङें कभी ।

    जवाब देंहटाएं

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