रंगों की बरसात हो रही,उल्लास में डूबे सारे हैं ,
हमजोली की हँसी-ठिठोली, टोली की मस्ती हो ली।
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होली के अवसर पर सारे,
जवाब देंहटाएंरंगों को मैं ले आऊँ,
और तुम्हारे जीवन में मैं,
उन रंगों को बिखराऊँ...
बहुतै सुन्दर अंक
रंगोत्सव की शुभकामनाएं...
–वाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंशुभकामनाओं के संग बधाई
रंगोत्सव
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
सादर
रंग,खुशी,उमंग मिठास,सकारात्मता और स्नेह की
जवाब देंहटाएंपिचकारी भर-भर के शुभमंगलकामनाएँ...
शुक्रिया प्रिय श्वेता।
भय, प्रतिशोध और साजिशों के इस दौर में त्योहार कुछ समय के लिए ही सही, सुकून, आश्वस्ति, भाईचारे और बेपरवाही का समय लेकर आते हैं। यही समय होता है जब सब भूलकर लोग एक हो जाते हैं, कल की फिक्र छोड़कर कुछ समय जी भरकर जी लेना चाहते हैं।
हम सब यही तो कर रहे हैं। आप सभी रचनाकारों, चर्चाकारों को होली की शुभकामनाएँ !!!
सुन्दर अंक
जवाब देंहटाएंवाह!सतरंगी छटा बिखेरता सराहनीय अंक।
जवाब देंहटाएंमन मोहती भूमिका।
टोह को स्थान देने हेतु हृदय से आपका श्वेता दी जी।
होली मुबारक हो।
सादर
समय मिलते ही सभी रचनाएँ पढूँगी।
जवाब देंहटाएंसादर
अरे! कुछ एक्स्ट्रा हाइलाइट वाली होली हो रही है यहाँ तो। स्नेही पिचकारी से निकला इन्द्रधनुषी रंग सराबोर कर रहा है। आप सबों को भी मिठास भरी शुभकामनाएँ। इस रंगोत्सव से नि:सृत सकारात्मकता सदैव चेतना को संवर्धित करे। हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति प्रिय श्वेता!मिठाई,रंग,सुगंध सभी यहाँ मौजूद है।भूमिका से लेकर हर तरह की रंग बिरंगी रचनाएँ मन को छू गई।सच में कितना भी औपचारिक क्यों न हो जाए,पर इसकी मिठास बरकरार रहती है।बहुत सुकून देता है एक दिन का ये रंगोत्सव।सभी कोहोली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।तुम्हें प्यार और आभार सुन्दर प्रस्तुतिकरण के लिए ❤🧡🧡❣
जवाब देंहटाएंमेरी पुरानी होली रचना 🙏
जवाब देंहटाएंदेखो मतवाला दिन आया
बिखरे होली के रंग गलियों में,
टेसू फूले ,गुलाब महके
उडी भीनी पुष्प गंध गलियों में
श्वेत -श्याम एक हुए
ना ऊँच- नीच का भेद रहा ,
रंग एक रंगे सभी देखो
एक दूजे के संग -संग गलियों में !
ढोल बजे हुडदंग मचे
फूला मन उड़ा पतंग जैसे ,
गोरी गुलाल से लाल हुई
फैले मधुर आनन्द गलियों में !
घोंट ठंडाई खूब चढाये
ना कोई बस में कर आये,
बड़े लाला घूम रहे हैं
मस्ती में पी भंग गलियों में !
उत्सव जगा ठहरे जीवन में
मस्ती के मेले खूब सजे ,
महकी हवायें गुझिया से
छाई अजब उमंग गलियों में
टेसू फूले ,गुलाब महके .
उडी भीनी पुष्पगंध गलियों में !!
समां बंध गया !
हटाएंवाह! क्या बात है। बहुत ही सुन्दर। इधर आज सब घोंट ठंडाई उन्मादी हो कर होरिया रहें हैं। मतवाला दिन है मतवाली बातें हैं, जो न कहना वो सब कह जाते हैं। हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंवाह ! रंग जमा दिया ! रचनाओं के चटक रंगों ने !!!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया, श्वेता जी । रंग ना फीके पङें कभी ।